नई दिल्ली : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में देश का बागडोर संभाला था. सत्ता में आने बाद तीन बार चुनाव जीतकर दूसरे सबसे लंबे समय तक कार्य करने वाले प्रधानमंत्री बन चुके हैं. जबकि, इस अंतराल में दुनिया के कई देशों ने नेताओं के बार-बार बदलने से राजनीतिक अस्थिरता पैदा हुई. इनमें श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, जापान सहित कई देश शामिल है. श्रीलंका में नौ, पाकिस्तान में पांच और ब्रिटेन में छह प्रधानमंत्री बदले जा चुके हैं. अस्थिर नेपाल में तख्ता पलट होने के बाद एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चर्चा की जा रही है. कहा जा रहा है कि सत्ता के शीर्ष पर रहकर मेवा की बजाय जनसेवा करने से सरकार और प्रधानमंत्री नहीं बदलने पड़ते हैं.
भारत का पड़ोसी नेपाल इस दौर में सबसे ज्यादा प्रभावित है. सोशल मीडिया पर बैन के बाद तख्तापलट हो चुका है. नेपाल में अबतक 2014 से नौ प्रधानमंत्री बदल चुके हैं. जुलाई 2024 में केपी शर्मा ओली चौथी बार प्रधानमंत्री बने. नेपाल में बार-बार नेतृत्व बदलने से नीतियाँ अधूरी रही और जनता में भी असमंजस की स्थिति बनी रही. जबकि, भारत में अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही है.
पाकिस्तान में बदल गए पांच प्रधानमंत्री
पाकिस्तान में भी 2014 से अबतक पाँच प्रधानमंत्री बदल गए हैं. पाकिस्तान में पीएम कभी भ्रष्टाचार के आरोपों में हटाए गए तो कभी राजनीतिक संघर्ष के शिकार हुए. यहीं वजह है कि पाकिस्तान आर्थिक के साथ ही राजनीतिक संकट से जूझता रहा और कभी भी सत्ता बदलने का तलवार लटकता रहता है.
ब्रिटेन में बदले छह प्रधानमंत्री
ब्रिटेन में 11 वर्षों में अब तक छह प्रधानमंत्री बदले चुके हैं. इसमें डेविड कैमरन से लेकर कीर स्टार्मर तक शामिल है. ब्रेग्ज़िट से लेकर आर्थिक चुनौतियों ने बार-बार बदलते नेतृत्व बदलने को मजबूर किया. वहां भी राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है. जबकि, भारत दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि लोकतंत्र में लगातार बेहतर काम से स्थिर रह सकते हैं.
जापान में बदले तीन प्रधानमंत्री
जापान में भी 2014 से अबतक तीन प्रधानमंत्री बदल गए. वहां की राजनीतिक उठापटक के बीच प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दिया है. वहीं, चौथा पीएम बनने के लिए तैयार है. एशिया की बड़ी ताकत होने के बावजूद भी जापान राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है. और कई बार फेरबदल झेलना पड़ रहा है.
श्रीलंका में संकट और राजनीतिक फेरबदल
श्रीलंका में 2014 से अबतक चार राष्ट्रपति बदल गए हैं. आर्थिक संकट के बाद जनविरोधी आंदोलनों ने सत्ता को बार-बार पलट दिया. भारत की तुलना में पड़ोसी व पश्चिमी देशों की हालिया राजनीतिक तस्वीर बताती है कि नरेंद्र मोदी का 11 साल का कार्यकाल न सिर्फ राजनीति, बल्कि स्थिरता और निरंतरता का प्रतीक है. दुनियाभर के कई देशों में नेतृत्व बार-बार नेतृत्व बदलकर जनता थक गई. वहीं, भारत ने एक ही चेहरे पर भरोसा जताया.
अमेरिका और फ्रांस में सीमित बदलाव
2014 से अबतक अमेरिका में तीन राष्ट्रपति बदल गए. बराक ओबामा डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन का कार्यकाल खत्म हुआ. वर्तमान में ट्रम्प फिर राष्ट्रपति है. वहीं, फ्रांस की बात करें तो दो राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और इमैनुएल मैक्रों रहे. हालांकि इन देशों में राजनीतिक अस्थिरता पैदा नहीं हुई. भारत का उदाहरण खास इसलिए है. क्योंकि, इतने बड़े देश की जनता ने लगातार तीसरी बार एक ही नेतृत्व पर भरोसा जताया.