नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत ने कई सवाल खड़े कर दिए. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि इंडिया गठबंधन के पास 315 सांसदों का समर्थन है, लेकिन नतीजों ने चौंका दिया. विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को पहले चरण में केवल 300 वोट मिले, जबकि एनडीए के राधाकृष्णन को 452 वोट प्राप्त हुए. नतीजतन, दूसरे चरण की गिनती की जरूरत ही नहीं पड़ी.
बड़ा सवाल यह है कि वे 15 सांसद कौन थे, जिन्होंने एनडीए उम्मीदवार को वोट दिया?कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने इस पर संकेत देते हुए कहा कि नतीजों का विश्लेषण किया जाएगा ताकि यह समझा जा सके कि कमी कहां रह गई और क्रॉस वोटिंग कितनी हुई. उन्होंने बताया कि गठबंधन को उम्मीद थी कि सांसद अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर विपक्ष के पक्ष में वोट देंगे, लेकिन दक्षिण भारत से अपेक्षित समर्थन नहीं मिला.
कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने भी कहा कि 15 वोट अमान्य हुए और विपक्ष को केवल 300 वोट मिले, फिर भी गठबंधन एकजुट रहा.अनवर के बयान से लगता है कि दक्षिण भारत के कुछ दलों ने साथ नहीं दिया. इंडिया गठबंधन को भरोसा था कि सुदर्शन रेड्डी के दक्षिण भारतीय होने के कारण तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल जैसे राज्यों के सांसद उनका समर्थन करेंगे.
उन्हें 320 से अधिक सांसदों के समर्थन की उम्मीद थी. हालांकि, वाईएसआरसीपी ने पहले ही एनडीए को समर्थन देने की घोषणा कर दी थी, और तेलंगाना की बीआरएस ने चुनाव से दूरी बनाए रखी. इस कारण इंडिया गठबंधन को अपेक्षित वोट नहीं मिल सके.