नई दिल्ली: NDA के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल कर ली है. उन्हें कुल 452 वोट प्राप्त हुए. NDA की तरफ से बी सुदर्शन रेड्डी चुनाव लड़ रहे थे. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए. लगभग दो-तिमाही से बहुमत हासिल करने के बाद बीजेपी ने क्रॉसवोटिंग का दावा किया है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने उपराष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया. उपराष्ट्रपति चुनाव में अब तक 67 फीसदी मतदान हो चुका है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने उपराष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया. अमित शाह, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू और शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में संसद भवन में वोट डाला.
इस दौरान उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी के महत्व पर जोर दिया. मतदान सुचारू रूप से संपन्न हुआ, जिसमें सांसदों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. यह चुनाव देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए महत्वपूर्ण है, जो संवैधानिक दायित्वों को निभाने में अहम भूमिका निभाता है. मंत्रियों ने मतदान के बाद लोगों से भी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सक्रिय भागीदारी की अपील की.
विभिन्न दलों के बीच गर्मजोशी का एक दुर्लभ प्रदर्शन देखने को मिला. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने के लिए हाथों में हाथ डाले पहुंचे. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए PM मोदी के बाद, सोनिया-राहुल-खड़गे-प्रियंका ने भी वोट डाल दिया है. उप-राष्ट्रपति चुनाव 2025 से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने एक ब्रेकफास्ट मीटिंग आयोजित की, जिसमें सभी सहयोगी दलों के नेताओं को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था.
चिराग पासवान की अनुपस्थिति: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान इस मीटिंग में शामिल नहीं हुए. उनकी अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दिया है, क्योंकि वे एनडीए के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं.
राजीव प्रताप रूडी की अनुपस्थिति: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और सांसद राजीव प्रताप रूडी भी इस मीटिंग में मौजूद नहीं थे. उनकी गैरमौजूदगी को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
उप-राष्ट्रपति चुनाव 2025 शुरू हो गया है, जिसमें पीएम मोदी ने पहला वोट डाला. कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने बीआरएस पर तेलुगु उम्मीदवार को समर्थन न देने का आरोप लगाया और बीजेपी-बीआरएस गठजोड़ की आलोचना की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का उम्मीदवार नैतिक रूप से जीतेगा. रेणुका चौधरी ने कहा कि हमें समझना चाहिए कि यह स्थिति क्यों बनी. बीजेपी ने जल्दबाजी में एक उप-राष्ट्रपति को हटाया, और अब सभी पर वोट डालने का दबाव है.
उन्होंने बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) पर निशाना साधते हुए कहा कि यह तेलुगु भाषियों के लिए अहम मुद्दा है. एक दक्षिण भारतीय व्यक्ति, जो तेलंगाना के लिए जीवनभर काम करता रहा और सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में महत्वपूर्ण फैसले ले चुका है, उसके लिए बीआरएस का वोट न देना शर्मनाक है.
रेणुका ने आरोप लगाया कि बीजेपी और बीआरएस के बीच गठजोड़ है. बीआरएस तेलंगाना में कुछ और कहती है, लेकिन दिल्ली में कुछ और करती है. वे कई बिलों और चुनावों में ऐसा कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का उम्मीदवार बहुत अच्छा व्यक्ति है और नैतिक रूप से वे जीतेंगे, चाहे बीआरएस वोट दे या न दे.