नई दिल्ली : अमेज़न के घने और रहस्यमयी जंगलों में आज भी एक ऐसी जनजाति रहती है, जिसके जीवन और परंपराएँ आधुनिक दुनिया से बिल्कुल ही अलग है. इस जनजाति का नाम जो’ए (Zo’é) है. ब्राज़ील के इस छोटे से समुदाय की खासियत है कि ये अपनी संस्कृति, परंपरा और अनोखी जीवनशैली के साथ ही सैकड़ों सालों से एक तरह ही रह रहे हैं. जो’ए जनजाति का पहले बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं था. 1982 में जब कुछ मिशनरी उनके क्षेत्र में पहुँचे तो इसकी जानकारी हुई.
यह संपर्क उनके लिए घातक साबित हुआ हो गया. बाहर से आए लोगों ने कई जो’ए लोगों की जान ले ली.1987 में मिशनरियों ने वहाँ अपना बेस भी बना लिया, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई. अंततः ब्राज़ील सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए इस क्षेत्र को संरक्षित घोषित किया गया. ताकि, जनजाति की सुरक्षा और उनका अस्तित्व बरकरार रहे.
बिल्कुल अलग है जीवन शैली
जनजाति का जीवनशैली और रहन-सहन बिल्कुल उलट है. जो’ए समाज बड़े-बड़े खुले झोपड़ों में रहते हैं और एक साथ कई परिवार मिलकर जीवन बिताते हैं. उनकी आजीविका जंगल से ही जुड़ा है. ब्राज़ील नट्स में उनकी संस्कृति का अहम हिस्सा माना जाता है. इन्हें जनजातीय समूह से जुड़े लोग भोजन के रूप में खाते हैं, साथ ही इनके छिलकों से कंगन बनाते हैं. उनक रेशों से झूले तैयार करते हैं. गाँवों में केले, मिर्च, कंद और कई तरह के फल उगाकर जीवन व्यतीत करते हैं.
महिलाएं रखती है कई बॉयफ्रेंड
जोए जनजाति में बराबरी का समाज और बहुविवाह की प्रथा है. यहाँ पर कोई भी निश्चित नेता नहीं होता है, लेकिन समाज के वरिष्ठ लोगों की राय को अहमियत दी जाती है. इस जनजाति की सबसे खास परंपरा बहुविवाह है. यहाँ पुरुष और महिलाएँ दोनों एक से अधिक जीवनसाथी रखते हैं. कई बार एक महिला कई पुरुषों से विवाह करती है और फिर उन्हीं पुरुषों में से कोई उनकी बेटियों से विवाह कर सकता है.
होंठ छेदने की है परंपरा
जो’ए जनजाति की पहचान उनके होंठ में पहने जाने वाले लकड़ी के से होती है. लड़कियों के होंठ में यह प्लग 7 साल की उम्र और लड़कों के होंठ में 9 साल की उम्र से लगा दिया जाता है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, प्लग का आकार भी बड़ा हो जाता है. यही उनकी संस्कृति का सबसे अलग बनाता है और लोग पहचान के रूप में जानते हैं.