• योगी के आदेश पर नया मिशन शुरू, क्या है ऑपरेशन अस्मिता, जिसमें खुले कनाडा-अमेरिका तक के तार!
• गोवा की बुर्के वाली आयशा निकली छांगुर से भी खतरनाक, जम्मू-कश्मीर की साइमा ने रची साजिश, खुली पोल
• 6 राज्यों में एक साथ छापा, 10 आरोपी गिरफ्तार, आगरा की 2 बहनों की कहानी दिलाएगी द केरल स्टोरी की याद
...ये कहानी फिल्मी नहीं बल्कि हकीकत है, 24 मार्च को दो सगी बहनें आगरा के अपने घर से लापता हो जाती हैं, जिसमें से एक की उम्र थी 33 साल और दूसरी की उम्र थी 18 साल. पिता शिकायत लिखवाने जाते हैं तो पुलिस कहती है दोनों बालिग हैं, हम क्या करें? पिता बताते हैं जम्मू-कश्मीर की एक साइमा नाम की लड़की पहले बड़ी बेटी को ले गई थी और अब छोटी भी चली गई, पर पुलिस नहीं सुनती.
79 दिन बाद जो कहानी खुलती है, उसे सुनकर उन पुलिसवालों के भी होश उड़ जाते हैं जो मजबूर बाप को बार-बार थाने से लौटा दे रहे थे. आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश और यूपी के डीजीपी राजीव कृष्ण बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले की जानकारी देते हैं. पता चलता है कि सीएम योगी के आदेश पर ऑपरेशन अस्मिता लॉन्च किया गया है. 50 पुलिसकर्मियों की 11 टीमों ने पश्चिम बंगाल, गोवा, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान और यूपी के कई जिलों में छापा मारा. जहां से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
ये उन्हीं आरोपियों की तस्वीर है, जिनका चेहरा आप गौर से देखिए, इसमें पहले नंबर पर है गोवा की आयाशा, जिसकी सोशल मीडिया पर हथियार के साथ तस्वीर वायरल है. दूसरे नंबर पर है कोलकाता का ओसामा, जबकि तीसरे नंबर पर है मोहम्मद इब्राहिम. ये वो लड़के हैं, जो लड़कियों को न सिर्फ बुर्का ओढ़ा रहे थे बल्कि इन्हें विदेश से फंड भी मिल रहा था. चौथे नंबर पर है कोलकाता का अली हसन, जो अपना नाम शेखर रॉय बताता था, अपने जाल में लड़कियों को फंसाता था. पांचवें नंबर पर है मुजफ्फरनगर का अब्बू तालिब, जबकि छठे नंबर पर है जयपुर का जुनैद कुरैशी, इनकी भी पूरी कुंडली पुलिस ने खंगाली है. सातवें नंबर पर है जयपुर का मोहम्मद अली, आठवें पर है आगरा का रहमान कुरैशी, और नौंवें पर दिल्ली का मुस्तफा जो खुद का नाम मनोज भी बताता है, जबकि दसवें नंबर पर है देहरादून का रहमान.
इनका खेल भी छांगुर की तरह ही था, ये गजवा-ए-हिंद वाली प्लानिंग में शामिल थे, लेकिन इनका तरीका छांगुर से थोड़ा अलग था. बलरामपुर वाले छांगुर ऊर्फ जलालुद्दीन को जहां दुबई से फंडिंग मिलने की बात सामने आई है तो वहीं इन दसों आरोपियों को कनाडा और अमेरिका से फंड मिल रहा था, ये खुलासा होते ही कईयों के होश उड़ गए, आखिर कनाडा और अमेरिका में बैठे वो कौन लोग हैं जो हिंदुस्तान में इतनी बड़ी साजिश कर रहे थे. जांच में ये तक पता चला है कि इन लोगों ने अब तक सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया है, और आगे भी इनकी प्लानिंग ऐसी थी कि देश के कई जगहों की डेमोग्राफी बदल जाती, लेकिन यूपी पुलिस ने इससे पहले ही इनका पर्दाफाश कर दिया.
दावा किया जा रहा है कि इस गैंग कनेक्शन आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ था, जो गैंग के लिए फंड का भी इंतजाम करता था. फंड यूएई, कनाडा, लंदन और अमेरिका के रास्ते भारत भेजा जाता था. आयशा इन पैसों को अलग-अलग ठिकानों पर पहुंचाती थी, जबकि इसका कथित पति सारा लिगल काम देखता था ताकि गैंग में शामिल कोई लोग कानूनी कार्रवाई में न फंसे.