NEET paper leak मामले में अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का भी नाम सामने आने लगा है. दरअसल समस्तीपुर निवासी अनुराग यादव नाम के एक छात्र ने दावा किया है कि वह कोटा के एलेन कोचिंग सेंटर में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था. तभी उसके फुफा सिकंदर यादव जो दानापुर, पटना में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने फोन कर कहा कि वापस आ जाओ, नीट परीक्षा की सारी सेटिंग हो गई है.
परीक्षा से एक दिन पहले यानी 4 मई 2024 को उसे फुफा ने अमित आनंद और नीतिश कुमार के पास छोड़ा. छात्र ने कहा कि वहां रात में ही मुझे नीट परीक्षा का QUESTION और Answer Sheet दिया गया. कहा गया कि पूरा रट जाओ. अगले दिन डीवाई पाटिल स्कूल में जब परीक्षा देने गया तो सारे सवाल वही निकले, जो याद करके आया था.
ये 22 साल के एक लड़के का कबूलनामा है, जिसने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल किया और पुलिस ने सिकंदर को भी गिरफ्तार कर लिया. लेकिन उससे भी बड़ा खुलासा अब बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने किया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ-साफ कहा है कि सिकंदर यादव के लिए तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम कुमार ने कमरा बुक करवाया था.
1 मई को तेजस्वी यादव के सचिव प्रीतम कुमार के मोबाइल नंबर 7488061813 से रात्रि 9 बजकर 7 मिनट पर पथ निर्माण विभाग में कार्यरत, प्रदीप कुमार के मोबाइल नंबर 9430469924 पर NHAI गेस्ट हाउस में सिकंदर कुमार यादवेंदु के नाम पर कमरा बुक कराने के लिए फोन आया था. 1 मई को 21.07 यानि 9 बजकर 7 मिनट पर कॉल किए हैं, दूसरा कॉल को ये 4 मई को तीन बार किए हैं.
इन दोनों ने लिखकर दिया है कि पहला दिन हमने इग्नोर किया, प्रीतम कुमार यहीं पीएस थे, जब तेजस्वी यादव मंत्री थे. इसीलिए वो मंत्री शब्द का वहां उपयोग करवा लिए. दोनों का पत्र है, दोनों ने लिखकर दिया कि पहले दिन हमने इग्नोर किया और दूसरा तीन फोन दो-तीन बार किए तो हमने बुक करने के लिए बोल दिया है. मजे की बात है कि आवंटन लेटर नहीं निकला.
अब जांच की आंच तेजस्वी के पीएस तक पहुंची तो तेजस्वी यादव से भी पूछताछ हो सकती है. तेजस्वी पहले से ही लैंड फॉर जॉब मामले में मुश्किलों में फंसे हैं. अब अगर किसी और केस में फंसे तो मुश्किलें बढ़ सकती है. पीएम मोदी ने तो पहले ही कह दिया था कि हेलीकॉप्टर राइड पूरा होने के बाद जेल जाने वाले हैं.
हालांकि बिना जांच के ये नहीं कहा जा सकता कि तेजस्वी यादव के पीएस ने किसके कहने पर सिकंदर यादव के लिए कमरा बुक करवाया. ये बात पहले ही दिन से किसी को नहीं पच रही है कि बिहार के एक छोटे से इंजीनियर ने कैसे इतने बड़े खेल को अंजाम दिया कि लाखों छात्रों का भविष्य खतरे में आ गया तो सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक को इस पर एक्शन लेना पड़ा. पर अभी भी जिस एक्शन की मांग हो रही है, वो एक्शन नहीं हो पाया है.