पटना: जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती सहित 21 लोगों के खिलाफ पटना के गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन पर छात्रों को उकसाने और हंगामा कराने का आरोप है. प्राथमिकी में 21 नामजद और 600 से 700 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. दरअसल, बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70 वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर रविवार को सुबह बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पटना के गांधी मैदान स्थित बापू की प्रतिमा के समक्ष इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने लगे.
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शनिवार को गांधी मैदान में छात्र संसद लगाने का आह्वान किया था. इस प्रदर्शन में जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर भी शामिल हुए थे. इसके बाद अभ्यर्थियों का हुजूम प्रशांत किशोर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने की मांग को लेकर गांधी मैदान से कूच कर गया. इससे पहले छात्र आगे बढ़ते, उन्हें जेपी गोलंबर के पास रोक दिया गया. जिला प्रशासन ने छात्रों से बातचीत की पेशकश की, लेकिन इसे छात्रों ने ठुकरा दिया था. अधिकारियों के मुताबिक, "प्रदर्शनकारियों द्वारा जेपी गोलंबर तक बिना अनुमति के जुलूस निकाला गया तथा सड़क जाम कर दिया गया.

उधर पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव राजभवन पहुंचे और राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की. राजभवन से निकलने के बाद सांसद पप्पू यादव ने कहा कि राज्यपाल ने उनकी बातों को सुना. उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उनके सामने ही बीपीएससी चेयरमैन से बात की और जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को बुलाने की बात कही है. उन्होंने मुख्यमंत्री से बात करने का भी भरोसा दिया है.

बच्चों पर हुए लाठीचार्ज की जांच की बात भी की है. पप्पू यादव ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का बिना नाम लेते हुए कहा कि 'फ्रॉड किशोर' ने बच्चों को गालियां दीं. वे बच्चों की ताकत नहीं जानते हैं. निर्दलीय सांसद ने राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा है. इसमें परीक्षा को पूर्ण रूप से रद्द करने और पुनर्परीक्षा कराने तथा लाठीचार्ज के दौरान महिला परीक्षार्थियों के साथ दुर्व्यवहार की निष्पक्ष जांच तथा प्रदर्शनकारी छात्रों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की है.

कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने छात्रों को कथित रूप से "प्रताड़ित" करने के लिए बिहार में भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार की आलोचना की. प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बिहार में तीन दिन के अंदर दूसरी बार छात्रों पर अत्याचार किया गया. परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, धांधली, पेपर लीक रोकना सरकार का काम है. लेकिन भ्रष्टाचार रोकने की जगह छात्रों को आवाज उठाने से रोका जा रहा है. इस कड़ाके की ठंड में युवाओं पर पानी की बौछार और लाठी चार्ज करना अमानवीय है.