कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के अकबरपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां डायल 112 में तैनात एक सिपाही पर उसकी महिला सहकर्मी ने रेप का गंभीर आरोप लगाया है. पीड़िता ने अकबरपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की, जिसमें उसने बताया कि आरोपी सिपाही ने न केवल उसका यौन शोषण किया, बल्कि इस घटना का अश्लील वीडियो भी बनाया और उसे लीक करने की धमकी दी. अकबरपुर पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है और जांच चल रही है.
पीड़िता, जो अकबरपुर में रहती है और डायल 112 में तैनात है, ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी सिपाही, विकास यादव, जो उसी विभाग में काम करता है, ने उसके आवास पर आकर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया. पीड़िता ने यह भी खुलासा किया कि वह सात महीने की गर्भवती है, जिसके कारण इस घटना ने और भी गंभीर रूप ले लिया है. उसने आरोप लगाया कि विकास यादव ने उसका यौन उत्पीड़न किया और इस दौरान अश्लील वीडियो रिकॉर्ड किया. इसके बाद, उसने पीड़िता को धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया, तो वह वीडियो को सार्वजनिक कर देगा और उसकी जान ले लेगा.
इस मामले की जानकारी देते हुए अकबरपुर कोतवाली के प्रभारी सतीश कुमार सिंह ने बताया कि पीड़िता की शिकायत के आधार पर विकास यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और सबूतों को इकट्ठा करने का काम शुरू कर दिया है. सतीश कुमार ने कहा, "हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं. पीड़िता का बयान दर्ज किया गया है, और मेडिकल जांच के लिए उसे अस्पताल भेजा गया है. आरोपी की तलाश में छापेमारी की जा रही है, और जल्द ही उसे हिरासत में लिया जाएगा."
यह घटना न केवल कानपुर देहात में बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रही है. डायल 112, जो आपातकालीन सेवाओं के लिए जाना जाता है, में कार्यरत कर्मियों के बीच ऐसी घटना ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस, जो समाज की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है, अगर अपने ही कर्मचारियों के खिलाफ ऐसे गंभीर आरोपों का सामना करेगी, तो आम जनता का भरोसा कैसे कायम रहेगा.
पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि वह इस घटना से मानसिक और शारीरिक रूप से टूट चुकी है. गर्भवती होने के कारण उसका स्वास्थ्य और भी नाजुक स्थिति में है. उसने पुलिस से तुरंत कार्रवाई और न्याय की मांग की है. इस बीच, पुलिस ने पीड़िता को सुरक्षा और मानसिक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है. महिला हेल्प डेस्क के माध्यम से उसे काउंसलिंग और अन्य सहायता दी जा रही है.
इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी तूल पकड़ लिया है, जहां लोग पुलिस विभाग में सुधार और ऐसी घटनाओं की रोकथाम की मांग कर रहे हैं. कुछ लोगों ने इसे उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति पर एक और सवालिया निशान बताया है. यह घटना तब और गंभीर हो जाती है, जब यह सामने आया कि पीड़िता और आरोपी एक ही विभाग में काम करते हैं, जिससे कार्यस्थल पर सुरक्षा और विश्वास का मुद्दा भी उठ खड़ा हुआ है.
पुलिस ने बताया कि जांच में सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जा रहा है, और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. विकास यादव के खिलाफ सबूत जुटाने के लिए पुलिस उसके डिजिटल उपकरणों और अन्य सामग्रियों की भी जांच कर रही है. इस बीच, पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और जांच पूरी होने तक धैर्य रखने की अपील की है.