मदरसे में संघ के खिलाफ पाठशाला, योगी करेंगे पूरा हिसाब!

Global Bharat 03 Sep 2024 08:32: PM 3 Mins
मदरसे में संघ के खिलाफ पाठशाला, योगी करेंगे पूरा हिसाब!

...ये किताब प्रयागराज के मदरसे से मिली है, इसके अंदर क्या है, वो बताएं उससे पहले कवर पेज की कहानी सुन लीजिए. उर्दू में लिखी इन बातों का हिंदी मतलब है आरएसएस एक आतंकी संगठन है. और इस किताब को किसी मौलाना ने नहीं लिखा बल्कि इस किताब को लेखक हैं महाराष्ट्र के पूर्व आईजी एसएम मुशरिफ, जो साल 2008 में हुई मुंबई की घटना पर भी आपत्तिजनक बातें लिख चुके हैं, जिनका पता अब यूपी पुलिस की टीम खंगाल रही है, लेकिन उस पते से ज्यादा बड़ी बात ये है कि वो मौलाना कौन है, जो मदरसे के लड़कों के दिमाग में जहर भर रहा था, ये पढ़ा रहा था कि बीजेपी और आरएसएस दोनों देश के लिए ठीक नहीं हैं, तो उस मौलाना का नाम जान लीजिए.

  • मौलाना का नाम है मोहम्मद तफसीरुल आफरीन
  • प्रयागराज के जामिया हबीबिया मदरसे का कार्यवाहक प्रिंसिपल था

इसी के कमरे में ये किताब रखी थी. जो पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड से पढ़ने वाले लड़कों का माइंडवॉश करता था, इसकी प्लानिंग हिंदुस्तान में कुछ बड़ा करने की थी. ये हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को हिलाना चाहता था, पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर जाली नोट का कारोबार जमाना चाहता था, 100 रुपये की तीन जाली नोट के बदले 100 रुपये का एक नोट मार्केट में चलाया जाता था, इनकी प्लानिंग महाकुंभ के दौरान योगी सरकार की व्यवस्था बुरी तरह बिगाड़ने की थी. इनके फोन से महाकुंभ सर्च होने की हिस्ट्री मिली है, ये लोग महाकुंभ की तारीख अपने-अपने फोन में सर्च कर रहे थे, ताकि उस दौरान ये अपना मकसद पूरा कर सकें. 

महाकुंभ में मौलाना की साजिश!

  • प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में 5-10 करोड़ की भीड़ जुटने की संभावना है
  • उस भीड़ में ये अपने दर्जनों लोगों को भेजकर नापाक मंसूबे पूरे करना चाहता था
  • करोड़ों रुपये के जाली नोट खपाना और योगी की छवि बिगाड़ना इसका मकसद था!

जाली नोटों की मशीन और प्रिंटर के अलावा इस मदरसे से कुछ ऐसे हथियार भी मिले हैं, जो बताते हैं ये मदरसा देशविरोधी गतिविधियों का अड्डा बना हुआ था. जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि कुछ दिनों पहले सूरत से जो मौलाना पकड़ा गया था, जो मोदी-योगी और नुपूर सबके खिलाफ प्लान बना रहा था, उस मौलाना से कहीं इसका कोई कनेक्शन तो नहीं है, ये भी पुलिस को पता करना होगा, पाकिस्तान में बैठे कौन से आका इसको आदेश दे रहे थे, इसका पता भी एनआईए को लगाना होगा, लेकिन उससे भी बड़ी चिंता की बात ये है कि क्या प्रयागराज के मदरसे की तरह यूपी या देशभर में और भी मदरसे हैं, जहां इस तरह की कोई बड़ी प्लानिंग रची जा रही है.

  • साल 2022 में बिहार के मोतिहारी के एक मदरसे से NIA ने ऐसे ही मौलाना को पकड़ा था
  • मौलाना असगर अली प्रतिबंधित संगठन PFI के 2047 वाले नापाक मिशन का सरगना था!
  • झारखंड से लेकर पाकिस्तान और बांग्लादेश में उसके मददगार बैठे थे, जिनमे से कई पकड़े गए

असम के कई मदरसों को हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार ने इसीलिए बंद करवा दिया क्योंकि वहां पढ़ाई कम और लड़ाई की बातें ज्यादा सीखाई जाती थी, लेकिन हैरत तब होती है जब शिक्षा के सेंटर को देशविरोधी गतिविधियों का सेंटर बनाने वालों के समर्थन में कुछ लोग खड़े हो जाते हैं, और झंडा उठाकर ये कहते हैं कि अल्पसंख्यकों को पुलिस जानबूझकर निशाना बना रही हैं, वो उनके कारनामे नहीं देखते, वो उन फाइलों को नहीं पढ़ते, जिन्हें देखकर बड़े-बड़े अधिकारी और जज साहब का भी माथा चकरा जाता है, उन्हें बस दिखता है तो धर्म, उन्हें बस दिखता है तो वोटबैंक या फिर उन्हें बस दिखता है तो मदरसा और मस्जिद. इन किताबों को पढ़ने वाले, ऐसी बातें करने वाले, कम उम्र के लड़कों का माइंड वॉश करने वाले और देश का माहौल बिगाड़ने की प्लानिंग रचने वालों का इलाज अगर योगी की पुलिस बुलडोजर से करती है, तो कुछ लोग हाय-तौबा मचाने लगते हैं, तो सवाल ये उठता है कि क्या छोटे से घाव इलाज ये लोग तब करना चाहते हैं, जब वो नासूर बन जाए. प्रयागराज से जो मौलाना पकड़ा गया है, उसका क्या अतीक से भी कोई कनेक्शन था, ये भी बड़ा सवाल है, क्योंकि अतीक के तार भी पाकिस्तान और देश के दुश्मनों से जुड़े होने की बातें कई बार मीडिया में सामने आई है.

Recent News