मंगेश यादव का सुल्तानपुर वाला कांड छोड़ दीजिए, नवाब यादव का कन्नौज वाला खेल भी भूल जाइए, अब यूपी में नया माफिया पैदा हुआ है प्रिंस यादव, अब सब यादव ही यादव क्यों, क्या कोई जानबूझकर फंसा रहा है, अखिलेश भैया ये बात कहें उससे पहले ये तस्वीर गौर से देख लें, क्योंकि प्रिंस यादव का कारनामा इसी कार और एक लड़की से जुड़ा है.
इसने कुशीनगर वाले 8 बदमाशों की तरह लड़की को घर से नहीं उठाया, ना ही उसके साथ मोईद खान वाला पाप किया, बल्कि उससे भी बड़ा महापाप इसने किया है, जिसे सुनकर हर पिता, हर भाई गुस्से से लाल हो उठेगा. जिस गोरखपुर की धरती पर इसने भयंकर गलती की, उस गोरखपुर के बाबा किसी को माफ नहीं करते, ये तो आप जानते ही हैं, इसीलिए इसके गुनाहों की लिस्ट जब गीडा थाने में पहुंची तो दारोगा ने इसकी गिरफ्तारी के लिए 2 सब इंस्पेक्टर, 2 हेड कॉन्स्टेबल और 5 कॉन्स्टेबल की टीम लगा दी. तब जाकर पकड़ में आया, वरना जाहिद बेग की तरह ये भी फरार होने का पूरा प्लान तैयार कर चुका था. पर उससे पहले ही यूपी पुलिस ने इसे उठा लिया, क्योंकि आवेदन में जो बात लड़की के भाई ने बताई थी, वो रुला देने वाली थी.
आवेधन में लिखा था, साहब, 18 सितंबर 2024 की सुबह 10.30 बजे मेरी बहन घर से कॉलेज जाने के लिए निकली थी. गांव के सामने सहजनवां-गोरखपुर रोड पर खड़ी होकर ऑटो का इंतजार कर रही थी, तभी करीब 10.45 बजे सहजनवां की तरफ से प्रिंस यादव ने स्विफ्ट डिजायर से आकर टक्कर मार दी, जिसमें उसकी मौ/त हो गई. प्रिंस यादव का ननिहाल मेरे गांव में है, वो मेरी बहन को परेशान करता था.
शिकायत पढ़कर पुलिस को लगा प्रिंस यादव एक नंबर का मनचला इंसान है, लेकिन उसके बाद जो कहानी खुली वो और दंग करने वाली थी, आसपास के लोग बताते हैं उस लड़की की शादी इसी नवंबर में होने वाली थी, और प्रिंस यादव एक तरफा प्यार में पड़ा हुआ था, शादी की बात सुनते ही उसने ऐसा करने का प्लान बनाया, पर उसके पास अपनी कोई गाड़ी नहीं थी, इसलिए राजीव प्रजापति नाम के आदमी से गाड़ी किराए पर लिया, अब उस गाड़ी मालिक की इस केस में क्या कोई भूमिका है, इसकी तलाश में भी पुलिस जुटी है, पर सवाल इस बात का है प्रिंस यादव के अंदर इतनी हिम्मत आई कहां से, क्या अखिलेश यादव के ताबड़तोड़ बयान से ऐसे लोगों के अंदर हिम्मत आ रही है, जिसमें एसटीएफ को कभी स्पेशल ठाकुर फोर्स तो कभी सीधा ठोंको फोर्स कहकर पुलिस की कार्यशैली पर ही सवाल उठा दे रहे हैं.
इतना ही नहीं जो आरोपी पकड़े जा रहे हैं, उनके परिवार वालों से भी अखिलेश यादव मिल रहे हैं, उन्हें बकायदा चेक भी सौंप रहे हैं, ये तस्वीरें उसी मंगेश यादव के परिवार की हैं, जिन्हें चेक सौंपकर अखिलेश लौटे हैं, जो पुलिस की डायरी में गुनाहगार है, पर अखिलेश की नजर में निर्दोष है. हो सकता है प्रिंस यादव के लिए भी वो घड़ियाली आंसू बहाने लगे या सपा का कोई नेता झंडा उठा ले.