Hathras Stampede: हाथरस वाले मुख्य आरोपी का कबूलनामा, जब पुलिस ने पूछा तो दिया ऐसा जवाब, हिल गए अधिकारी!

Global Bharat 06 Jul 2024 03:22: PM 2 Mins
Hathras Stampede: हाथरस वाले मुख्य आरोपी का कबूलनामा, जब पुलिस ने पूछा तो दिया ऐसा जवाब, हिल गए अधिकारी!

क्या बाबा का बड़ा राज पुलिस के हाथ लग गया है, जैसे ही नारायण साकार हरि का राइट हैंड गिरफ्तार हुआ, बाबा तुरंत मीडिया के सामने आ गया, और अब ख़बर है कि उसकी तबियत बिगड़ गई है, उसकी बीपी बढ़ने लगी है, तो क्या बाबा को ये पता चल गया है कि हमारा अंत आ चुका है, इसलिए तबियत खराब वाली नौटंकी करने लगा है.

बाबा का बयान बताता है उसे गिरफ्तारी का डर सता रहा है, वरना जो बाबा 96 घंटे से फरार था, वो अचानक से प्रकट कैसे हो जाता, जिसे पुलिस गली-गली ढूंढ रही थी, वो मीडिया के सामने कैसे पहुंच जाता, हरियाणा में राम रहीम वाले केस में भी यही हुआ था, राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत को जब पुलिस नहीं पकड़ पाई तो एक चैनल ने उसका इंटरव्यू लिया था और उसके बाद हनीप्रीत पकड़ी गई थी. लेकिन यहां नारायण साकार हरि के केस में मामला अलग है, क्योंकि बाबा का नाम फिलहाल एफआईआर में नहीं है. जिसका नाम एफआईआर में मुख्य आरोपी के तौर पर था, उसे 5-6 जुलाई की रात यूपी पुलिस ने बड़े नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किया. जिसका किस्सा सुन आप भी दंग रह जाएंगे.

दिल्ली के अस्पताल का स्पेशल वार्ड, उसमें बेड पर लेटा बाबा का राइट हैंड देवप्रकाश मधुकर, भयंकर बीमार होने का नाटक करता है, लेकिन यूपी पुलिस का मिजाज देखकर समझ जाता है जेल जाने से कोई नहीं बचा पाएगा, आधी रात को ही गिरफ्तारी होती है, और उसके बाद जो वो राज खोलता है, उसे सुनकर पुलिस भी हिल जाती है, वो बताता है मैं एटा के सलेमपुर रहने वाला हूं, साल 2008 से मनरेगा में तकनीकी सहायक के रूप में काम कर रहा था.

मनरेगा का बिल भी मैं ही बनाता हूं, 11 गांवों के मजदूरों की जिम्मेदारी मेरी है, काम के दौरान ही एक बार बाबा से मुलाकात हुई, फिर बाबा के लिए मैं सारी व्यवस्थाएंदेखने लगा, और बाबा के करीब हो गया, बाबा के पास मेरी तरह कई लोग हैं, जो उनकी अलग-अलग व्यवस्था संभालते हैं.

देवप्रकाश के अलावा यूपी पुलिस ने 6 और सेवादारों को गिरफ्तार किया है, हर सेवादार के पास बाबा का वो राज है, जिसके खुलते ही नारायण साकार हरि की सारी चालाकी फुर्र हो जाएगी. ख़बर है कि हाथरस वाली कथा का आयोजन करने वाले मधुकर को 27 लाख रुपये का इंतजाम करना था, ताकि बाबा की रासलीला चलती रहे, लेकिन भगदड़ और लोगों की मौत ने इनकी प्लानिंग पर पानी फेर दिया.

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