बैरक में मुख्तार कैसे हुआ बेहोश, उससे 7 घंटे पहले क्या हुआ था, जानिए पूरी कहानी

Global Bharat 28 Mar 2024 2 Mins
बैरक में मुख्तार कैसे हुआ बेहोश, उससे 7 घंटे पहले क्या हुआ था, जानिए पूरी कहानी

तारीख थी 28 मार्च 2024, वक्त था रात करीब 8 बजे का, मुख्तार के सेल के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी अचानक से आवाज लगाते हैं साहब मुख्तार की तबियत खराब है, उसे बैरक से बाहर निकाला जाता है, एंबुलेंस मंगवाई जाती है, और सीधा बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवा दिया जाता है, पर उससे 7 घंटे पहले जो होता है, उसे सुनकर कई लोग हैरान हैं। पर वो बताएं उससे पहले ये मेडिकल बुलेटिन देखिए, जिसमें लिखा है कि आज शाम लगभग 8.25 बजे, विचाराधीन बंदी मुख्तार अंसारी पुत्र सुभान अल्लाह उम्र लगभग 63 वर्ष को जेल कार्मिकों द्वारा रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा के आकस्मिक विभाग उल्टी की शिकायत एवं बेहोशी की हालत में लाया गया. मरीज को 9 डॉक्टर्स की टीम ने तत्काल इलाज किया, परंतु भरसक प्रयासों के बावजूद बचाया नहीं जा सका।

लेकिन मुख्तार को हार्ट अटैक आने से 7 घंटे पहले यानि दोपहर करीब एक बजे मुख्तार अंसारी की तबियत बिगड़ने की ख़बर पुलिस को मिलती है, अंदर ही डॉक्टर की टीम पहुंचती है, उसका इलाज शुरू होता है, और फिर डॉक्टर उसे दवा देकर बाहर निकल जाते हैं, जिसके बाद से कई लोग ये पूछ रहे हैं कि क्या किसी दवा के रिएक्शन से ऐसा हुआ या 65 साल के मुख्तार की तबियत पहले ही इतनी बिगड़ चुकी थी कि उसे संभालना मुश्किल था. मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने तो ये तक कहा था कि 40 दिन पहले इसी तरह का मामला सामने आया था। मुख्तार को खाना चखकर परोसने वाला भी बीमार पड़ गया था। उसे भर्ती कराया गया था। एक डिप्टी जेलर भी बीमार पड़ा।वह खाना पकवाने का इंचार्ज था. उसे भी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।

हालांकि इन आरोपों में कितना दम है ये जांच का विषय है, लेकिन ये जानना भी बेहद जरूरी है कि मुख्तार ने ऊपर जाने से ठीक 9 दिन पहले यानि 19 मार्च को मुख्तार ने ये शिकायत भी की थी कि उसकी तबियत ठीक नहीं है. जिसके बाद उसे बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था, करीब 14 घंटे तक वो आईसीयू में रहा, तब ये जानकारी सामने आई थी कि उसके पेट में दिक्कत है, खाना नहीं पच रहा, चूंकि तबियत बिगड़ने वाले दिन ही उसकी कोर्ट में पेशी भी थी इसलिए मुख्तार के वकील ने जज साहब से ये गुहार लगाई थी कि मेरे मुवक्किल को बचा लीजिए। याचिका में लिखा था कि अभियुक्त की ओर से निवेदन यह है कि 19 मार्च की रात मुझे खाने में विषाक्त पदार्थ दिया गया है. जिसकी वजह से मेरी तबियत खराब हो गई। ऐसा लगा कि मेरा दम निकल जाएगा और बहुत घबराहट हुई। हाथ-पैर ही नहीं पूरे शरीर के नसों में दर्द होने लगा, ऐसा लगा कि अल्लाह को प्यारा हो जाऊंगा। इससे पहले मेरा स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक था। कृपया मेरा सही से डाक्टरों की टीम बनाकर इलाज करवा दें। 40 दिन पहले भी मुझे विषाक्त पदार्थ मिलाकर दिया गया था। इस वजह से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से पेश होने में असमर्थ रहा।

बांदा जेल के डिप्टी जेलर ने भी इस बात की पुष्टि की थी मुख्तार बीमार है, जिसके बाद सवाल उठने लगे कि आखिर ऐसा किया किसने, जांच के बाद जेलर योगेश कुमार, डिप्टी जेलर राजेश कुमार और अरविंद कुमार को योगी सरकार ने सस्पेंड कर दिया था। मुख्तार की शिकायत ये थी कि उसेक हाथ-पैरों की नसों में दर्द होने लगा था, तो सवाल उठता है कि क्या उसने पहले से कोई दवा खाई थी, जिसने रिएक्शन किया और उसका ऐसा हाल हो गया था।