इंग्लैंड के खिलाड़ी बैजबॉल की तैयारी कर राजकोट की पिच पर उतरे थे, लेकिन उनका सामना जब जैसबॉल से हुआ तो हर गेंदबाज बिफर पड़ा, यशस्वी जायसवाल ने ऐसा कूटा कि मैदान में हर तरफ चौके छक्के की आवाज गूंजने लगी. 231 गेंदों में 14 चौके और 10 छक्के की मदद से यशस्वी ने दोहरा शतक जड़ा तो पूरा मैदान यशस्वी भव: से गूंज उठा. ये तस्वीर देखिए जैसे यशस्वी के एक छक्के ने अंग्रेजों की साइड लगी कुर्सी तक तोड़ दी, मतलब हर शॉट में इतना दम था कि अंग्रेज खिलाड़ी बेदम हो गए. पर इतने शानदार प्रदर्शन के बाद भी रोहित ने एक ऐसा काम कर दिया जो न तो यशस्वी को अच्छा लगेगा और ना ही सरफराज को.

ये तस्वीर तब की बताई जा रही है, जब रोहित शर्मा पारी घोषित करने का ऐलान कर रहे थे. उस वक्त सरफराज खान 68 रन बनाकर खेल रहे थे, मतलब शतक से सिर्फ 32 रन दूर थे. अगर वो शतक पूरा कर लेते तो एक रिकॉर्ड उनके नाम हो जाता, जबकि यशस्वी जायसवाल 12 छक्के की मदद से 214 रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए थे. अगर यशस्वी 13वां छक्का जड़ देते तो पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी वसीम अकरम का सबसे ज्यादा छक्कों वाला वर्ल्ड रिकॉर्ड टूट जाता, लेकिन रोहित शर्मा ने पारी घोषित करके दोनों को ही एक और रिकॉर्ड बनाने से रोक दिया, जिसके बाद से रोहित और सरफराज के फैंस भड़के हुए हैं, वो पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक कप्तान की मर्जी चलती रहेगी, अगर आधा घंटा और टीम इंडिया खेल लेती, 430 की बजाय 500 के पार का लक्ष्य दे देती तो जीत अच्छी तरह सुनिश्चित हो जाती, फिर रोहित ने जल्दबाजी क्यों की. कुछ ऐसा ही कोच राहुल द्रविड़ ने साल 2022 में किया था, जब जडेजा 175 के स्कोर पर खेल रहे थे, दोहरे शतक की ओर आगे बढ़ रहे थे पर द्रविड़ ने पारी घोषित कर दी. लेकिन कोई चाहे कुछ भी कहे, यशस्वी ने अपनी पारी से सिर्फ टीम इंडिया ही नहीं बल्कि इंग्लैंड के खिलाड़ियों का भी दिल जीत लिया है. क्योंकि एक वक्त यशस्वी 31 गेंदों में सिर्फ 9 गेंद बनाकर खेल रहे थे, 80 गेंद में सिर्फ 50 रन ही बना पाए थे, लेकिन उसके बाद उसके बाद उन्होंने बाकी के 150 रन 151 गेंद में बना दिए.
कोहली की मास्टरक्लास ने किया कमाल
जो ये बताता है कि यशस्वी का क्लास कितना शानदार है. जिसके बारे में यशस्वी खुद बताते हैं कि उन्होंने सीनियर्स के काफी कुछ सीखा है. क्योंकि पिता जब गोलगप्पे बेचकर पैसे जुटाते थे तो एक ही सवाल दिमाग में होता था कि पता नहीं बेटे को टीम में जगह मिल पाएगी या नहीं, खुद यशस्वी कई बार भूखे पेट रहकर क्रिकेट खेलते थे, क्योंकि खाने को पैसे नहीं होते थे, और जब टीम में आए तो कइयों ने ये सोचा कि ये बच्चा क्या खेलेगा, पर बच्चे ने कोहली से ऐसी मास्टरक्लास ली कि वर्ल्ड चैंपियन टीम के पसीने छुड़ा दिए. स्पोर्ट्स से जुड़े पत्रकार बताते हैं ,बीते साल जब टीम इंडिया वेस्टइंडीज दौरे पर गई थी. यशस्वी और कोहली बारबाडोस में अगल-बगल नेट्स में बैटिंग कर रहे थे. कोहली कभी दूसरे की बैटिंग पर ध्यान नहीं देते. पर वहां यशस्वी अपनी बैटिंग से बार-बार कोहली का ध्यान खींच रहे थे. उसके बाद जब नेट्स सेशन खत्म हुआ तो कोहली ने जायसवाल को बुलाया फिर आधे घंटे तक उन्हें बैटिंग के कई टिप्स दिए.
वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया के लिए बड़ी खुशखबरी
जिन कोहली की क्लास के लिए कई क्रिकेटर तरसते हैं, वो यशस्वी को बड़ी आसानी से मिल गई, जिसका कमाल उसके बाद कई मैच में दिखा. कहते हैं कप्तान रोहित भी इनके ऊपर कभी दबाव नहीं बनाते, वो खुद कहते हैं कि कभी ये मत सोचना कि आईपीएल में बड़ा रिकॉर्ड बनाया, रणजी में झंडे गाड़े तो यहां भी झंडे गाड़ने हैं, रिलैक्स होकर खेलोगे तो बढ़िया खेलोगे और यही रिलैक्स वाला भाव यशस्वी के अंदर पूरे मैच के दौरान दिखा. जो टीम इंडिया के लिए सबसे सुखद बात है, पर इतने शानदार प्रदर्शन के बाद भी इस तीसरे टेस्ट में तीन ऐसी बाते हुईं, जिसने सबको हैरान कर दिया. वर्ल्ड कप के इस सीजन में टीम इंडिया के लिए इससे बड़ी खुशखबरी कुछ और नहीं हो सकती, क्योंकि यशस्वी ने सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाड़ियों की आलोचना करने वाले उन आलोचकों का भी मुंह बंद कर दिया है, जो कहते थे टी20 वाला खिलाड़ी टेस्ट में शानदार नहीं खेल सकता. यशस्वी के इस शानदार प्रदर्शन पर आप क्या कहेंगे, कमेंट कर बताएं और युवा खिलाड़ी का हौसला बढ़ाएं.