एक तरफ अखिलेश यादव भगवान राम से दूरी बना रहे हैं तो दूसरी तरफ उनकी भाभी अपर्णा यादव बड़े ही मन से राम भजन गुनगुना रही हैं, वो भी उस मंच से जहां जगदगुरु रामभद्राचार्य खुद बैठे हैं, रामभद्राचार्य ने इनकी भजन से गदगद होकर इन्हें आशीर्वाद भी दिया, अब आशीर्वाद में क्या कहा वो तो वही जानें पर लोग कह रहे हैं कि अब अपर्णा यादव की टिकट पक्की हो गई है, कृपा यहीं अटकी हुई थी. जगद्गुरु रामभद्राचार्य पीएम मोदी के गुरु भी माने जाते हैं, और अपर्णा यादव को जिस तरह उन्होंने आशीर्वाद दिया है, उससे एक बात तो साफ है कि जल्द ही मनोकामना पूरी होने वाली है.
बीजेपी में आकर भी बरसों से टिकट का राह देखर अपर्णा का सपना चुनाव लड़ने से बड़ा और क्या हो सकता है, इसी साल चुनाव भी होने हैं, तो उम्मीद है इस बार सांसद बन ही जाएंगी. हालांकि टिकट मिलने के बाद भी उनकी चुनौती कम नहीं होने वाली है, क्योंकि
सियासत के जानकार कहते हैं
बीजेपी चाहती है कि अपर्णा यादव अखिलेश परिवार के गढ़ को भेदें औऱ वहां पार्टी को जीत दिलवाएं
लेकिन अपर्णा ने पहले ही साफ कर दिया है कि वो यादव परिवार के खिलाफ चुनाव ही नहीं लड़ेंगी
चुनाव लड़ना तो दूर मैनपुरी से जब डिंपल यादव ने चुनाव लड़ा तो अपर्णा ने प्रचार तक नहीं किया
लखनऊ सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा
मतलब एक तरफ परिवारिक रिश्ते और दूसरी तरफ सियासी भविष्य की तलाश कर रही अपर्णा को किसी सेफ सीट से उतारना होगा. ऐसी चर्चा है कि लखनऊ सीट उनके लिए मुफीद हो सकती है, लेकिन लखनऊ से खुद राजनाथ सिंह सांसद हैं, जो मोदी सरकार में रक्षामंत्री हैं, राजनीतिक कद के लिहाज से तो उनकी टिकट पक्की है और उनके जैसे नेता को बीजेपी साइड करने की गलती करेगी भी नहीं, पर खुद से चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर कर दें तो बात अलग है, क्योंकि राजनाथ सिंह की उम्र भी पीएम मोदी की उम्र के बराबर हो गई है, और पीएम मोदी समेत कुछ नेताओं को छोड़ दें तो इस बार 70 साल से ज्यादा उम्र के कम ही नेता आपको चुनाव लड़ते नजर आएंगे.
नफा-नुकसान देखकर होता है सीटों का फैसला
वरना खुद सोचिए, अपर्णा यादव जैसी नेता जो साल 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में आईं थीं, उन्हें न तो कोई चुनाव लड़वाया गया, न विधानसभा या राज्यसभा भेजा गया. बल्कि उनके काफी बाद पार्टी में आए दारा सिंह चौहान को घोसी उपचुनाव हारने के बाद भी बीजेपी ने विधान परिषद का उम्मीदवार बना दिया, जिसके पीछे की वजह ये बताई जा रही है कि 2024 चुनाव में बीजेपी चौहान वोटर्स को साधने पर खास ध्यान देना चाहती है. तो सियासत में कभी-कभी आपकी किस्मत और आपका बैकग्राउंड भी काफी कुछ तय करता है, पर अब अपर्णा यादव को पीएम मोदी के गुरु का आशीर्वाद मिल गया है तो उम्मीद जताई जा रही है कि 2024 चुनाव में टिकट मिलना तय है