Akhilesh Yadav security breach: तीन घटनाएं अखिलेश यादव की सुरक्षा में चूक की हैं, पहली घटना है आजमगढ़ की हैं, जहां 3 जुलाई 2025 को एक युवक अखिलेश के मंच तक पहुंचने की कोशिश करता है. जबकि दूसरी घटना सहारनपुर की हैं, जहां 2 मई 2023 को अखिलेश यादव के पास ऊपर गाड़ी पर एक शख्स पहुंच जाता है, और कोई उसे रोक नहीं पाता, और तीसरी घटना बलिया की है, जहां 26 मई 2024 को एनएसजी कमांडो न होते तो वो शख्स शायद अखिलेश तक पहुंच जाता.
तीनों तस्वीरों में खास अंतर ये है कि बलिया में जो शख्स अखिलेश तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था, उसने लाल टोपी लगाई थी, शायद वो पार्टी का कार्यकर्ता हो, पर बाकी दोनों जगहों पर ऐसा हुलिये से नहीं लगा. तो क्या अखिलेश यादव की सुरक्षा बढ़ाए जाने की जरूरत है. समाजवादी पार्टी के नेता तो यही मांग कर रहे हैं, आजमगढ़ में जो हुआ, वो बेहद चौंकाने वाला है. चूंकि सैफई के बाद अब अखिलेश यादव ने अपना नया घर आजमगढ़ में बनवाया है, और उसके उद्घाटन के लिए ही वो वहां पहुंचे थे, आगे भी आना-जाना लगा रहेगा, पर अखिलेश मंच पर पहुंच पाते, उससे पहले ही 4 फीट ऊंची बैरिकेडिंग फांदकर एक व्यक्ति मंच के नजदीक पहुंचने की कोशिश करता है, वो हाथ जोड़े हुए आगे बढ़ता है, तभी तीन पुलिसकर्मी जिनके हाथों में डंडा था, आगे आते हैं, जिनसे पहले तो वो भिड़ जाता है, पर जैसे ही वो उसे रोकते हैं, थोड़ी ही देर में वो फिर जमीन पर लेटा नजर आता है. पर सवाल उठता है जब रैली में यूपी पुलिस के जवान इतनी भारी संख्या में थे तो मंच तक कोई कैसे पहुंच गया, मंच और लोगों के बीच खाली जगह इसीलिए रखी जाती है, ताकि कोई खतरा न हो. इस घटना को लेकर सपा प्रवक्ता सुनील साजन कहते हैं
“जबसे एसपीजी सुरक्षा वापस ली गई, उसके बाद कई ऐसी घटनाएं हुईं, लोकसभा चुनाव में हुई बीच में धमकियां मिली. आज की ये घटना बता रही है प्रशासन की क्या जिम्मेदारी है. हमारे नेता की सुरक्षा बढ़ाई जाए.”
हालांकि सुनील साजन जिस एसपीजी की बात कर रहे हैं, वो बलिया में हुई सुरक्षा में चूक के वक्त मौजूद थी. सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने इसी साल अप्रैल महीने में गृह मंत्रालय से इस मामले पर ध्यान देने को लेकर लेटर भी लिखा है, वो लिखते हैं.
“अखिलेश यादव जी को देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यक्रमों में जाना पड़ता है। एक व्यक्ति ने न्यूज चैनल पर कैमरे के सामने खुलेआम अखिलेश यादव जी को मारने की धमकी दी थी। यूपी सरकार ने उचित कार्रवाई नहीं की, इसलिए सुरक्षा बढ़ाई जाए”
हालांकि ये फैसला लेना गृह मंत्रालय का काम है, खतरों को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई और कम की जाती है. इससे पहले अखिलेश यादव ने फरवरी 2025 में प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे, कहा था
“डीएम साहब या जो इंजीनियर साहब हैं, उन्होंने गलत कोऑर्डिनेट्स दिए जिससे हेलीकॉप्टर ना उतर पाए. लेकिन हमारे पास गूगल अर्थ की जानकारी थी, हमने खुद लोकेशन चेक किया और अपने कार्यकर्ताओं से सही कोऑर्डिनेट्स मंगवाए, तभी हम सही जगह पर उतर सके. प्रशासन इस तरह की हरकतें कर रहा है, तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह लोग क्या कर सकते हैं.”