फर्जी मार्कशीट पर की 42 साल नौकरी, एक गलती ने खोल दी पोल

Global Bharat 18 Jan 2024 12:10: PM 3 Mins
फर्जी मार्कशीट पर की 42 साल नौकरी, एक गलती ने खोल दी पोल

(Gwalior fake marksheet case) जिस ग्वालियर जिले में मोहन यादव ने एक अय्याश ऑफिसर पर तगड़ा एक्शन लिया, छात्राओं को नौकरी देने के बदले रात गुजारने की बात करने वाले अधिकारी संजीव कुमार तंतुवा को तुरंत जेल भिजवाया, उसी ग्वालियर से एक और हैरान करने वाली ख़बर सामने आई है. जहां नगर निगम के एक कर्मचारी ने 41 साल तक सरकार को चूना लगाया और किसी भी अधिकारी के पकड़ में नहीं आया पर अब रिटायरमेंट से कुछ महीने पहले ही उसकी पोल खुल गई, उसके बाद अब बाकी की जिंदगी उसकी जेल में कटने वाली है, बड़ी बात ये है कि न तो वो रिश्वत लेते पकड़ा गया और ना ही उसने किसी के साथ कोई डिमांड की, बल्कि खुद की 42 साल पुरानी गलती ने उसका बुढ़ापा नरक कर दिया. पहले वो गलती सुनिए फिर बताते हैं कैसे इस मामले का बड़ा सच खुला तो सरकार के खजाने में करोड़ों रुपये आ सकते हैं.

कैसे खुला खेल?
जून 1981 में मुरैना के रहने वाले कैलाश कुशवाह ने नगर निगम में सहायक वर्ग-3 के पद पर नौकरी ज्वाइन की
42 साल तक नौकरी शानदार करती रही, लेकिन मुरैना के ही अशोक कुशवाह ने जब शिकायत की तो पोल खुल गई

42 साल तक करता रहा नौकरी
शिकायत पत्र में साफ-साफ लिखा था कि कैलाश ने नौकरी के लिए जो मार्कशीट लगाई है, वो उसकी नहीं है, बल्कि उसके भाई रणेन्द्र कुशवाह की है, जो राज्य पावर लूम बुनकर सहकारी शाखा में कार्यरत है. जब निगम के अधिकारियों ने जांच की, मार्कशीट का रिकॉर्ड खंगाला तो बात बिल्कुल सच निकली, जिसके बाद तुरंत प्रभाव से कैलाश को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. अब बाकी की जिंदगी जेल में गुजरने वाली है, हालांकि 42 साल की नौकरी की बात सामने आने के बाद सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या आपसी सांठगांठ से कैलाश ने 18 साल की कम उम्र में नौकरी हासिल कर ली, कोई भी सरकारी नौकरी 18 साल से कम उम्र में लगती नहीं, तो इसका अलग मुकदमा कैलाश के खिलाफ चल सकता है, ऐसे में एक नियम ये भी है कि 

क्या कहते हैं नियम?
जितना भी वेतन आपने पूरी नौकरी के दौरान लिया है, उसे ब्याज समेत सरकार को वापस करना होगा
अगर 42 साल की सर्विस का पैसा जोड़ें तो लाखों-करोड़ों रुपये की रकम होती है, नहीं लौटाने पर सजा बढ़ती है
ये भी हो सकता है कि सरकार आपकी प्रॉपर्टी बेचकर उसकी भरपाई करे

खजाने में आ सकते हैं करोड़ों
अब अगर मध्य प्रदेश सरकार ने रिकवरी वाली ये पॉलिसी अपना ली तो सोचिए उसके खजाने में कितना रुपया आ जाएगा. कई भर्तियों में ऐसा देखने को मिलता है कि सही जांच न होने की वजह से गलत दस्तावेज देकर लोग भर्ती हो जाते हैं, पर बाद में उनकी पोल खुलती है तो नौकरी भी नहीं बचती और सजा भी भुगतनी पड़ती है. यूपी-बिहार समेत कई राज्यों से ऐसे मामले खूब सामने आते हैं, बिहार में तो कई मामलों में नौकरी से बर्खास्त किए जाने के बाद ब्याज समेत कर्मचारियों को पूरा वेतन वापस करना पड़ा है. क्योंकि
20 साल बाद भी जा सकती है नौकरी
सुप्रीम कोर्ट ने एक बात साफ कर दी है कि अगर आप 20 साल की सेवा दे लेते हैं और उसके बाद भी आपके खिलाफ कोई मुकदमा होता है और जांच में आरोप सही पाए जाते हैं कि आपने फर्जी कागजों के आधार पर नौकरी पाई है तो फिर नौकरी नहीं बचेगी. इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से नौकरी में रह रहा है और बाद में उसका प्रमाण पत्र फर्जी निकलता है तो उसे सेवा में बने रहने की अनुमति दी जा सकती है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 7 साल पहले ये फैसला पलट दिया था. जिसके बाद ये साफ हो गया कि अगर आपके आसपास किसी ने सरकार को धोखा देने का काम किया है तो आप उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाइए, कार्रवाई जरूर होगी. संबंधित विभाग के बड़े अधिकारी के पास जाकर आप शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. 

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