छत्तीसगढ़ के रायपुर में हिंदू -मुस्लिम एकता का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने को मिला है. दरअसल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए 40 साल बाद नया रथ बनाया जा रहा है. हिंदू और मुस्लिम धर्म में अंतर न समझकर कारीगर रथ का निर्माण कर रहे हैं. जिससे हमारे समाज में भाईचारे का संदेश पहुंच रहा है.
बता दें कि 9 अप्रैल से रथ बनाने का काम शुरू किया गया था और मई के आखरी तक रथ बनकर तैयार हो जाएगा, जिसे बिलकुल नए तरीके से बनाया रहा है. यहां यह भी जानकारी दे दें कि देश भर में 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी.
भगवान के रथ को इस बार मुस्लिम कारिगर हबीब खान और उनके बेटे रियाज खान बना रहे हैं. मुस्लिम कारिगरों ने इससे पहले नागपुर और गोंदिया में भी रथ तैयार किया है. इसे लेकर मुस्लिम कारीगर ने बताया कि, हिंदू धर्म के अनुसार रथ का निर्माण किया जा रहा है.
कारीगर हबीब खान ने कहा कि भगवान का रथ नीम और सराई की लकड़ी से ही बनाया जाता है. रथ को टिकाऊ बनाने के लिए इसमें सरई का इस्तेमाल किया गया है. 80 फीसदी रथ नीम से बन रहा है. वहीं रथ की ऊंचाई 17 फीट होगी.
रथ में लोहे के चक्के लगे हुए हैं. रथ में चढ़ने के लिए अलग से सीढ़ी भी बनाई गई है. इसका कुल वजन 2500 किलो तक रहेगा. यह रथ 1000 किलो तक वजह उठा सकता है और अगले 70 सालों तक इस रथ का इस्तेमाल किया जा सकेगा.