अयोध्या में है एक ऐसा बैंक, जिसमें खाता खुलवाने के लिए नहीं देने होते पैसे

Global Bharat 18 Apr 2024 3 Mins
अयोध्या में है एक ऐसा बैंक, जिसमें खाता खुलवाने के लिए नहीं देने होते पैसे

अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद से मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी हुई है. पूरे देश में रामनवमी का त्योहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है.  राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ये पहली रामनवमी है.  राम लाला के जन्म दिवस पर अयोध्या नगरी पूरी तरह से राममय हो चुकी है.. दूर दूर से लोग राम लाला के दर्शन के लिए आ रहे हैं... इस खास मौके पर अयोध्या में रामलला का सूर्य की किरणों ने तिलक किया गया. जहाँ हर तरफ रमलला के सूर्य तिलक की चर्चा है वहीं एक और चीज़ है जिसने करोड़ों लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है... 

और वो है भगवान राम के इस शहर में एक अनोखा बैंक. इस बैंक का नाम इंटरनेशनल सीताराम बैंक है. आइए आपको इस बैंक की खासियत के बारे में बताते हैं की आखिर इस बैंक चर्चा पूरे देश भर में क्यों है... 

आमतौर पर आप जब भी किसी बैंक में खाता खुलवाते हैं तब आप कुछ पैसे देते हैं तब जाकर आपका खाता उस बैंक में खुल जाता है... लेकिन अयोध्या का ये बैंक कुछ ऐसा है जहाँ आपको पैसे नहीं बल्कि 5 लाख बार सीताराम लिखना पड़ता है.... जानकारी के मुताबिक दरसल भगवान राम के शहर में इस बैंक में खाता खुलवाने के लिए आपको 5 लाख बार सीताराम लिखना पड़ता है. इस बैंक की स्थापना साल 1970 मे की गई थी. यहां भक्तों को राम नाम का कर्ज मिलता है. इस बैंक के 35000 अकाउंट होल्डर्स हैं. इस बैंक के ग्राहक पूरी दुनिया में फैले हुए हैं. भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, नेपाल, फिजी और यूएई में भी इस बैंक के अकाउंट होल्डर्स मौजूद हैं.

राम की नगरी में बने इस बैंक के पास 20,0000 करोड़ सीताराम बुकलेट्स हैं जो इन्हें भक्तों से मिले है. अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का फायदा इस बैंक को भी मिला है. इस बैंक के मैनेजर के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस बैंक में विजिटर्स की संख्या काफी बढ़ चुकी है. यह बैंक हर खाते का ट्रैक रखता है. बैंक अपने सभी अकाउंट होल्डर्स फ्री बुकलेट और लाल पेन गिफ्ट करता है. इस बैंक के खाता खुलवाने के लिए आपको बुकलेट पर 5 लाख बार सीताराम लिखना पड़ता है. तब जाकर आपका खाता खुलता है और पासबुक इश्यू किया जाता है. इस बैंक के देश और दुनिया भर में कुल 136 ब्रांच हैं.

 बता दें की जैसे खाता खुलवाने के लिए इस बैंक में 5 लाख बार सीताराम लिखना पड़ता है. वैसे ही इस बैंक से कर्ज लेने की भी कुछ शर्ते है. बैंक की ओऱ से यह कर्ज तीन अलग-अलग रूप में होता है. पहला आपको अनुष्ठान की समय सीमा बतानी होती है. वहीं आपको कर्ज लौटाने के लिए एक निर्धारित समय दिया जाता है. राम नाम का यह बैंक पूरी तरह से भारत के बैंकिंग सिस्टम को फॉलो करता है. इस बैंक से तीन तरीके में भगवान के नाम का कर्ज मिलता है. पहला राम नाम का जप दूसरा पाठ करना और तीसरा लेखन के लिए. लेखन कर्ज उतारने के लिए आपको 8 महीने 10 दिन का समय दिया जाता है. इसमें सवा लाख राम नाम लिखना होता है.

आपको बता दे कि यहां रुपये नहीं बल्कि राम नाम का कर्ज दिया जाता है. इसे एक निर्धारित वक्त में लिखकर यहां जमा करना होता है. इस अनूठे और अद्भुत राम नाम बैंक को पूरे देश भर में ख्याति प्राप्त है. सात समंदर पार से भी यहां पर भक्त इस अनुष्ठान को लेने के लिए पहुंचते हैं. इस बैंक में पैसा नहीं बल्कि धार्मिक, आंतरिक शांति और विश्वास मुख्य ट्रांजैक्शन होते है. जिस भक्त का भी खाता इस बैंक में खुलता है वह इन तीन चीजों का ट्रांजैक्शन करता है और इसमें उन्हें असीम शांति मिलती है. इस बैंक के कुछ अकाउंट होल्डर्स ऐसे हैं जिन्होंने 1 करोड़ से ज्यादा बुकलेट बैंक को लिखकर दिए है. तो वहीं कुछ भक्त ऐसे हैं जिन्होंने 25 लाख से ज्यादा बार सीताराम लिखा है. खबरों के मुताबिक बैंक के मैनेजर महंत पुनीत राम दास महाराज ने बताया कि बैंक के पास में भगवार राम के भक्तों की तरफ से दान किए गए 20,000 करोड़ 'सीताराम' बुकलेट का कलेक्शन है. पुनीत राम दास ने कहा कि अगर कोई 84 लाख बार सीताराम लिखता है तो उसे मोक्ष मिल जाता है.