नई दिल्ली: हरियाणा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री आरती सिंह राव ने 7 जून 2025 को घोषणा की कि अब सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर "ऑन-कॉल सिस्टम" के तहत उपलब्ध होंगे. इस पहल का मकसद गंभीर मरीजों को समय पर इलाज उपलब्ध कराना है. इस नई व्यवस्था के तहत, मरीजों को एनेस्थीसिया, सर्जरी, रेडियोलॉजी, स्त्री रोग, और बच्चों के रोगों जैसे विशेषज्ञ सेवाएं मिल सकेंगी. यह योजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत शुरू की गई है, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी.
मंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि इस योजना को "नो-नोड फॉर्मूला" के तहत लागू किया जा रहा है. इसका मतलब है कि विशेषज्ञ डॉक्टर जरूरत पड़ने पर कॉल के जरिए अस्पतालों में मरीजों का इलाज करेंगे. यह व्यवस्था खासकर उन मरीजों के लिए फायदेमंद होगी, जिन्हें तुरंत विशेषज्ञ देखभाल की जरूरत होती है. इस पहल से न केवल मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा, बल्कि जिला स्तर पर रेफरल सिस्टम की जरूरत भी कम होगी. इस योजना को पहले चरण में हिसार, जींद, मेवात, सोनीपत और कैथल जिलों में शुरू किया गया है. यह एक पायलट प्रोजेक्ट है, जिसे बाद में पूरे राज्य में लागू करने की योजना है.
यह भी पढ़ें: भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह और सपा सांसद प्रिया सरोज की सगाई आज, शादी नवंबर में
इस योजना का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के हर नागरिक को समय पर, गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता से ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को अब बड़े शहरों या निजी अस्पतालों में जाने की जरूरत कम पड़ेगी. इससे न केवल समय और पैसे की बचत होगी, बल्कि मरीजों को अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में ही बेहतर इलाज मिल सकेगा. मंत्री ने कहा कि यह योजना स्वास्थ्य सेवाओं को तकनीक, विकेंद्रीकरण और नवाचार के जरिए मजबूत करने की सरकार की व्यापक कोशिश का हिस्सा है.
यह भी पढ़ें: भाषण दे रहे कोलंबियाई राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को मारी गोली, अपहरण के बाद मां की भी हुई थी हत्या
पहले चरण में यह सेवा पांच जिलों- हिसार, जींद, मेवात, सोनीपत और कैथल में शुरू की गई है. इन जिलों में विशेषज्ञ डॉक्टरों को कॉल पर उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि गंभीर मरीजों को तुरंत इलाज मिल सके. यह पायलट प्रोजेक्ट सरकार के लिए एक परीक्षण है, जिसके परिणामों के आधार पर इसे पूरे हरियाणा में लागू किया जाएगा. इस योजना से सरकारी अस्पतालों की विश्वसनीयता बढ़ेगी और लोग निजी अस्पतालों पर निर्भरता कम करेंगे.
यह भी पढ़ें: बेंगलुरु भगदड़ में मारे गए बेटे की कब्र पर पहुंचकर एक पिता ने जो कहा, सुन कर आप भी रो देंगे, वीडियो वायरल
यह पहल हरियाणा के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखती है. ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाओं की कमी एक बड़ी समस्या रही है. इस योजना के जरिए सरकार इस कमी को दूर करने की कोशिश कर रही है. ऑन-कॉल सिस्टम से न केवल मरीजों को फायदा होगा, बल्कि यह डॉक्टरों के लिए भी लचीलापन लाएगा. यह योजना PPP मॉडल पर आधारित है, जिससे निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता और सरकारी अस्पतालों की बुनियादी सुविधाओं का बेहतर उपयोग हो सकेगा.
मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि हरियाणा सरकार का लक्ष्य हर नागरिक को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना है. इस योजना से मरीजों को न केवल बेहतर इलाज मिलेगा, बल्कि अस्पतालों में भीड़ और देरी की समस्या भी कम होगी. यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीक और नवाचार के इस्तेमाल को बढ़ावा देगी, जिससे भविष्य में और बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध हो सकेंगी.