|
नई दिल्ली: ये तस्वीरें हैं मायावती के आवास की, जब वो सोकर उठती हैं, और नाश्ता करने के बाद कुछ कर रही होती हैं, तभी एनएसजी के 80 कमांडो उनके घर में दाखिल हो जाते हैं, कोई इस तरफ जाता है, कोई उस तरफ, मकान के चारों तरफ जवान फैल जाते हैं, और सायरन बजाती हुई एक एंबुलेंस घर के दरवाजे पर पहुंचती है, उसमें से स्ट्रेचर निकाला जाता है, एक महिला को उसपर लिटाया जाता है, जिसके मुंह पर मास्क लगा था, और उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, वहां से एनएसजी के कमांडो फिर उस महिला को वापस लेकर लौटते हैं, ये सबकुछ देखकर मायावती के समर्थक हैरान हो जाते हैं, उन्हें समझ नहीं आता कि अगर ये महिला आखिर है कौन, और मायावती के लखनऊ वाले आवास पर ये क्या चल रहा है.
आम तौर पर छापा भी पड़ता है तो इनकम टैक्स, ईडी और सीबीआई के टीम के साथ सीआरपीएफ के जवान होते हैं, पऱ एनएसजी कमांडो इतनी भारी संख्या में क्यों पहुंचे किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था, तभी एक जानकारी सामने आती है, पता चलता है मायावती की सुरक्षा को लेकर जवानों ने मॉकड्रिल किया है. एक महिला को बकायदा मायावती की तरह ही कपड़े पहनाए गए थे, और जवानों को सूचना मिली कि वो घायल हैं, जिन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया और रेस्पॉन्स टाइम चेक किया गया. शायद किसी नेता के आवास पर चलाया गया ये पहला मॉकड्रिल होगा, जिसकी तस्वीरें देखने के बाद कई लोग ये पूछ रहे हैं कि क्या मायावती की सुरक्षा का कोई खतरा है, अगर हां तो फिर मायावती का दुश्मन कौन है.
बीते साल जनवरी महीने में मायावती ने कहा था कि सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए और इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गये हैं, जिनमें बीएसपी यूपी स्टेट ऑफिस के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य भी है, जहां से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुंचा सकते हैं, जिसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा है. लखनऊ के मॉल एवेन्यु ओवरब्रिज के सामने बना पुल दरअसल अखिलेश सरकार में बना था, जहां से बसपा ऑफिस साफ नजर आता है, लेकिन अब उस पुल के दोनों साइड को ढंक दिया गया है.
मायावती ने इस पुल को तोड़ने की मांग की थी, लेकिन ये जो मॉकड्रिल हुई है, इसकी कहानी उस पुल से भी थोड़ी अलग लगती है, कुछ दिनों पहले ही मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से हटाया, उनके ससुर पर कई गंभीर आरोप लगाए और आकाश की पत्नी की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे, जिसके बाद हर कोई ये पूछ रहा है कि क्या मायावती की सुरक्षा को कोई खतरा है. इस मॉकड्रिल में मायावती के कार ड्राइवर, उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी और कई पुलिसकर्मी शामिल रहे.
इससे पहले अक्टूबर 2024 में ऐसी ख़बर सामने आई थी कि मायावती समेत 9 नेताओं की एनएसजी सिक्योरिटी हटाई जाने वाली है और उसकी जगह सीआरपीएफ के वीआईपी विंग के जवानों की ड्यूटी लगेगी, जानकार बताते हैं मायावती भले ही सियासी रूप से शांत बैठी हैं, लेकिन आज भी उनकी पकड़ कमजोर नहीं हुई है, बसपा के संस्थापक कांशीराम की जयंती पर उन्होंने बीते हफ्ते प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने कहा था जो भी बसपा को आगे बढ़ाएगा उसे मेरा समर्थन है, इसमें नाते-रिश्ते आड़े नहीं आएंगे.
24 घंटे पहले उन्होंने महाराष्ट्र के नागपुर में हुई घटना को लेकर भी ट्वीट किया था, और कब्र और मजार तोड़े जाने की मांग का विरोध किया था. अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, आप इस मॉकड्रिल को कैसे देखते हैं, अपनी राय जरूर दें.