नई दिल्ली: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सोमवार को बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि सम्राट 1995 के एक हत्याकांड के आरोपी हैं, जिसमें तारापुर में सात लोगों की हत्या हुई थी. किशोर ने कहा कि सम्राट को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना चाहिए. प्रेस कॉन्फ्रेंस में किशोर ने इस पुराने केस का जिक्र किया. उन्होंने दावा किया कि सातों मारे गए लोग कुशवाहा समुदाय के थे, जो सम्राट की राजनीतिक जाति है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि सम्राट चौधरी सात लोगों की हत्या के आरोपी हैं... उन्हें पद से हटा दिया जाए और तुरंत गिरफ्तार किया जाए. उन्होंने आगे कहा कि यह बिहार में जाति की राजनीति करने वालों के लिए सबक होना चाहिए. किशोर ने आगे आरोप लगाया कि सम्राट ने घटना के समय खुद को नाबालिग बताने के लिए फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल किए. उन्होंने स्कूल का एडमिट कार्ड जमा किया, जिसमें जन्मतिथि 1981 लिखी थी. इससे 1995 में उनकी उम्र 15 साल हो जाती थी. इसी आधार पर मजिस्ट्रेट ने उन्हें राहत दी. लेकिन उन्होंने सम्राट के 2020 के चुनाव हलफनामे का हवाला दिया, जिसमें उनकी उम्र 51 साल बताई गई.
प्रशांत किशोर ने तर्क दिया कि अगर 2020 में 51 साल के थे, तो 1995 में 26 साल के होंगे. फिर 26 साल का व्यक्ति कैसे नाबालिग की राहत ले सकता है? हत्या के आरोपी को जेल में होना चाहिए, न कि संवैधानिक पद पर. पीके ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार, राज्यपाल और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने कहा कि कानून के राज का इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता है कि जेल जाना वाला व्यक्ति डिप्टी सीएम बनकर बैठा हो.
एक अलग आरोप में, किशोर ने ग्रामीण विकास मंत्री आशीष चौधरी से कहा कि वे उन पर भेजी गई 100 करोड़ की कानूनी नोटिस वापस लें. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर वे आशीष चौधरी की संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जारी कर देंगे. किशोर ने सम्राट चौधरी से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि क्या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कभी शिल्पी जैन-गौतम सिंह हत्याकांड में उनकी भूमिका की जांच की थी.
जन सुराज के नेता ने कहा कि अगर पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं करती और सीएम नीतीश कुमार कार्रवाई नहीं लेते, तो जन सुराज कोर्ट जाएगा और राज्यपाल से सम्राट को कैबिनेट से बर्खास्त करने की याचिका भी देंगे. ये आरोप बिहार में चुनावी तापमान बढ़ाते समय आए हैं, जहां किशोर जन सुराज को सत्ताधारी एनडीए के खिलाफ चुनौती के रूप में पेश कर रहे हैं. अभी तक सम्राट चौधरी या राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है.