टीम इंडिया ने बांग्लादेश के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज में बांग्लादेश को एकतरफा तरीके से हराया. टीम इंडिया ने पहले टेस्ट मैच में चेन्नई और दूसरे टेस्ट में कानपुर में जीत हासिल कर श्रृंखला 2-0 से अपने नाम की. इस सीरीज में एक खिलाड़ी, सरफराज खान का नाम चर्चा का विषय बना रहा, लेकिन सरफराज को रोहित शर्मा ने प्लेइंग 11 में मौका नहीं दिया.
सरफराज खान ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अपनी शुरुआत की थी, और बांग्लादेश के खिलाफ भी उन्हें टीम में शामिल किया गया था. लेकिन पहले टेस्ट में केएल राहुल को उनकी जगह टीम में रखा गया. जब चयनकर्ताओं ने दुलीप ट्रॉफी के लिए सरफराज का नाम चुना, तो यह साफ हो गया कि वह पहले टेस्ट में नहीं खेल पाएंगे. दूसरे टेस्ट के लिए भी उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया, क्योंकि उन्हें इरानी ट्रॉफी में खेलने के लिए मुंबई की टीम में शामिल किया गया.
हालांकि, सरफराज ने इरानी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने रेस्ट ऑफ इंडिया के खिलाफ खेलते हुए पहले दिन 54 रन बनाए और दूसरे दिन अपनी पारी को आगे बढ़ाते हुए 149 गेंदों में 14 चौके लगाकर शतक बनाया. उनकी इस पारी ने चयनकर्ताओं को संदेश दिया कि वे कितने प्रतिभाशाली हैं. सरफराज और कप्तान अजिंक्य रहाणे ने मिलकर पांचवें विकेट के लिए 131 रन की साझेदारी की, जिससे उनकी टीम को मजबूती मिली.
सरफराज खान की कहानी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है. उन्हें खेलने का मौका नहीं मिलने के बावजूद, उन्होंने अपनी मेहनत और प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि वे भारतीय क्रिकेट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकते हैं. भविष्य में अगर उन्हें फिर से मौका मिलता है, तो उनकी प्रतिभा निश्चित रूप से टीम के लिए लाभदायक साबित होगी. भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की नजर अब सरफराज खान पर है, और सभी उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें जल्द ही टेस्ट क्रिकेट में खेलने का मौका मिले.