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नई दिल्ली: राजस्थान में कई नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण का ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को सन्न कर दिया है. आरोप है कि 10 मुस्लिम लड़कों ने मिलकर करीब 5 नाबालिग छात्रों का यौन शोषण किया और उसे इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया. आरोपी ये काम नाबालिगों को मोबाइल आदि का लोभ देकर करते थे. मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी मोबाइल फोन देने के बहाने लड़कियों को होटल बुलाते थे और उसके साथ रेप करते थे. इस दौरान आरोपी वीडियो भी बनाते थे और ब्लैकमेल कर कलमा पढ़ने के लिए मजबूर करते थे.
इन हरकतों से परेशान छात्राओं ने परिवार वालों को जानकारी दी, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हो पाया. पुलिस से शिकायत करने के बाद 7 मुस्लिम लड़कों को हिरासत में लिया गया और फिर उसे गिरफ्तार किया गया है और अन्य की तलाश की जा रही है. हिंदुस्तान लाइव की हिंदी वेबसाइट में छपी खबर के अनुसार, राजस्थान के ब्यावर जिले की पुलिस ने नाबालिग बच्चियों का यौन शोषण करने और जबर उनक धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में 7 मुस्लिम लड़कों हिरासत में लिया है. एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी है कि सोमवार के 5 लड़कियों के परिजनों ने यौन शोषण, रेप, पीछा करने और पॉक्सो एक्ट जैसे धाराओं में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद आरोपी 10 मुस्लिम लड़कों के खिलाफ 3 एफआईआर दर्ज की गई.
डीएसपी सज्जन सिंह ने जानकारी दी है कि कुछ लड़कों ने पांच नाबालिग लड़कियों को चीनी मोबाइल दिए और उनका यौन शोषण किया. इस संबंध में बच्चियों के बयान दर्ज कर 3 एफआईआर दर्ज की गई हैं. बच्चियों ने बताया कि आरोपियों ने सोशल मीडिया के जरिए उनसे संपर्क किया था. उसके बाद बात करने के लिए उन्होंने चीनी मोबाइल दिए. नाबालिगों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें बार-बार ब्लैकमेल कर धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया जा रहा था. डीएसपी ने आगे बताया कि एफआईआर में नामजद 7 आरिपोयों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है.
आगे मजिस्ट्रेट जांच भी की जाएगी. उधर हिंदुवादी संगठनों ने मामले की कड़ी निंदा की है. वहीं विधायक वीरेंद्र सिंह ने मामले की निष्पक्ष की जांच की मांग की है. पुलिस जांच में पता चला है कि पीड़ित छात्राएं दसवीं में पढ़ती हैं. पहले एक मुस्लिम युवक ने एक लड़की से दोस्ती की, फिर धीरे-धीरे चार अन्य दोस्तों को चार अन्य लड़कियों से मिलवाया. दावा किया जा रहा है कि ये घटनाक्रम लगातार तीन महीनों से चल रहा था. इस मामले में पहला मुकदमा दलित छात्रा के द्वारा दर्ज कराया गया था. आरोपियों की कुल संख्या करीब 15 बताई जा रही है.