अकबरनगर के बाद योगी का बुलडोजर अब कहां-कहां गरजेगा, इसकी पूरी लिस्ट सामने आ गई है. यहां अभी से पुलिस की टीम ने डेरा डाल दिया है, घरों की छतों पर कोई पत्थर न जमा करे, ड्रोन से इसकी निगरानी कर रही है, इस इलाके में कितने मस्जिद और दरगाह हैं, जो अवैध जमीनों पर बने हैं, इसकी पूरी लिस्ट लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी तैयार कर चुके हैं, बस बुलडोजर रिपेयर होते ही इधर भी तगड़ा एक्शन होने वाला है, सबसे पहला एक्शन जिस मोहल्ले में होगा, उसका नाम है.
पहला मोहल्ला- लखनऊ का अबरारनगर
20 जून को LDA की टीम यहां जैसे ही सर्वे के लिए पहुंची, सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई, RAF के सैकड़ों जवान साथ दे इसलिए टीम के साथ कोई कुछ गलत नहीं कर पाया, लेकिन अधिकारियों को बिना सर्वे किए ही लौटना पड़ा, पर अधिकारियों ने खुली नजरों से इतना देख लिया है कि कहां-कहां बुलडोजर चलाने की जरूरत है. यहां करीब 800 मकान हैं, जिनमें से 100 से ज्यादा मकानों की कीमत 2 करोड़ से ज्यादा है. अकबरनगर की तरह ही ये भी कुकरैल नदी के किनारे ही अवैध रूप से बसा है, शुरुआत में सस्ते दामों पर लोगों ने यहां जमीन लेकर अवैध रूप से मकान बना लिए, और आज यहां एक गज जमीन की कीमत 50 हजार से 5 लाख तक है. कुछ ऐसा ही हाल खुर्रमनगर का भी है.
दूसरा मोहल्ला- लखनऊ का खुर्रमनगर
यहां पहुंचते ही सर्वे टीम को कुछ ऐसा मिला, जिसने सबके होश उड़ा दिए. पता चला कि मोहल्ले में कई बड़े अधिकारियों के भी मकान हैं, जिनपर बुलडोजर चलाया जाना जरूरी है, हर वो आलीशान मकान या झोपड़ी जो कुकरैल नदी और गोमती नदी का सौंदर्यीकरण रोक रही है, उस पर बुलडोजर चलेगा. रहीमनगर में तो हालत ऐसी है पांव देने की जगह नहीं है.
तीसरा मोहल्ला- लखनऊ का रहीमनगर
इस इलाके में तो इतनी भीड़ बढ़ गई कि न्यू रहीमनगर के नाम से नया मोहल्ला बनाना पड़ा. यहां नजदीक-नजदीक बने लोगों के मकान और सड़क किनारे लगने वाले ठेले ने आम लोगों का का जीना मुहाल कर दिया है. लोगों का अतिक्रमण धीरे-धीरे इतनी तेजी से बढ़ता जा रहा है कि हर गली में बड़ी-बड़ी बिल्डिंग खड़ी है, जिनपर बुलडोजर चलने का फाइनल प्लान तैयार हो गया है. हालांकि ऐसा नहीं है कि योगी का ये बुलडोजर एक्शन सिर्फ मुस्लिम इलाकों वाले नामों पर ही चल रहा है, बल्कि कुछ हिंदू मोहल्ले भी शामिल हैं. क्योंकि अवैध कब्जा करने वाला सिर्फ और सिर्फ आरोपी है, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान.
चौथा मोहल्ला- लखनऊ का पंतनगर
जहां इतनी अवैध बस्तियां बसाई गई हैं कि कुकरैल नदी को संरक्षित करने का प्लान बना रहे योगी के अधिकारियों का भी दिमाग फेल हो गया और साफ-साफ कह दिया कि बिना बुलडोजर चलाए कुछ नहीं हो सकता. पंतनगर के सैकड़ों मकानों पर बुलडोजर वाला एक्शन किसी भी वक्त हो सकता है.
पांचवां मोहल्ला- लखनऊ का जसवंतनगर
यहां अवैध बस्ती वाले मकानों की संख्या कम है, लेकिन यहां बुलडोजर चलाया जाना बेहद जरूरी है. क्योंकि योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती नदी से लेकर कुकरैल नदी तक के सौंदर्यीकरण के लिए इस इलाके का साफ होना बेहद जरूरी है. योगी सरकार के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने हर अधिकारी को साफ-साफ कहा है कि कुकरैली नदी को बचाने और इस इलाके को सुंदर बनाने के लिए जो चाहो करो, जितनी भी अवैध बस्तियां रास्ते में आएं उसे बुलडोजर ले जाकर हटाओ, जो करना है, करो पर पूरा इलाका साफ होना चाहिए.
यानि इस बार बुलडोजर की कार्रवाई दो-चार दिन नहीं बल्कि महीनों चलने वाली है, एक-एक कर मोहल्ले से अवैध इमारतें गिरेंगी, उसका मलबा साफ होगा और फिर वहां प्लान के मुताबिक नए निर्माण होंगे. अकबरनगर में 10 दिनों में जो तबाही बुलडोजर ने मचाई, उसका मलबा साफ करने में अभी 15 दिन का वक्त लगने वाला है, इस हिसाब से यूपी में योगी का बुलडोजर अभी महीनों तक गरजने वाला है.