लखनऊ: कांवड़ यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर बेसबॉल बैट और हॉकी स्टिक जैसे सामानों को ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह निर्णय डीजे प्रतियोगिताओं के दौरान कांवड़ यात्रियों के बीच हुई कई झड़पों की घटनाओं के बाद लिया गया है. हिंसा की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं: "कांवड़ यात्रियों को हॉकी स्टिक या बेसबॉल बैट जैसे सामान ले जाने की मनाही है."
अधिकारियों ने कहा कि इन वस्तुओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए यह प्रतिबंध लगाया गया है, क्योंकि पहले इनका उपयोग यात्रा मार्ग पर झगड़ों के दौरान हुआ है. हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया कि त्रिशूल जैसे किसी भी धार्मिक प्रतीक को ले जाने पर कोई रोक नहीं है. यह कदम यात्रा के दौरान अनियंत्रित व्यवहार को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच उठाया गया है. शनिवार को मिर्जापुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन टिकट खरीदने को लेकर हुए विवाद में सात कांवड़ यात्रियों को एक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) जवान की पिटाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है कि भगवा कपड़े पहने कांवड़ यात्रियों का एक समूह मिर्जापुर स्टेशन पर ब्रह्मपुत्र मेल पकड़ने जा रहे CRPF जवान को पीट रहा है. वे जवान को जमीन पर गिराकर उस पर मुक्के और लातें बरसा रहे हैं, जबकि अन्य लोग तमाशबीन बने हुए हैं. इसके बावजूद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को एक बार फिर कांवड़ यात्रियों का समर्थन किया.
एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने हर 'कांवड़ संघ' से ऐसे शरारती तत्वों का पर्दाफाश करने की अपील की. योगी ने कहा, "हमें यह ध्यान रखना होगा कि जहां उत्साह और उमंग है, जहां श्रद्धा और भक्ति है, वहां कुछ तत्व लगातार उस उत्साह को भंग करने और इस श्रद्धा व भक्ति को बदनाम करने की कोशिश करते हैं."
उन्होंने दावा किया कि कुछ "शरारती तत्व" कांवड़ समूहों में घुसपैठ कर उनकी बदनामी करते हैं. प्रशासन ने यात्रा मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी है और हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. पुलिस उन सात गिरफ्तार कांवड़ियों से पूछताछ कर रही है, और मिर्जापुर घटना की जांच तेज कर दी गई है. यह मामला कांवड़ यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था और धार्मिक आयोजनों में संयम की आवश्यकता को रेखांकित करता है.