4 आईपीएस के घर सीबीआई ने क्यों मारा छापा, सुनिए सबसे बड़ा खुलासा

Abhishek Chaturvedi 29 Mar 2025 05:20: PM 3 Mins
4 आईपीएस के घर सीबीआई ने क्यों मारा छापा, सुनिए सबसे बड़ा खुलासा
  • IPS अभिषेक पल्लव के घर क्यों पहुंची सीबीआई, ड्यूटी जाने से रोका, फिर की घंटों पूछताछ, घर से क्या-क्या मिला?
  • 60 टीमें, 20 गाड़ियां और 4 राज्यों में एक साथ पड़ा छापा, कौन हैं ASP अभिषेक माहेश्वरी, जिनका घर कर दिया सील?
  • ताला तोड़कर घर में घुसी सीबीआई, 6000 करोड़ के घोटाले का खुला खेल, दुबई में बैठे मास्टरमाइंड ने लगाया भयंकर चूना!

IPS Abhishek Pallav: ये हैं आईपीएस अभिषेक पल्लव, जो कभी डीएसपी के बेटे को गाड़ी रोककर कानून का पाठ पढ़ाते हैं, तो कभी आरोपियों का लाइव कबूलनामा दिखाते हैं, जिसे देखकर कई लोग कहते हैं एसपी हों तो ऐसे. लेकिन इनके घर जब सीबीआई की टीम छापा मारने पहुंची तो जो हुआ उसे सुनकर दंग रह जाएंगे. दरअसल एसपी साहब ड्यूटी के लिए निकल रहे थे, लेकिन सीबीआई वालों ने तुरंत रोक दिया और कहा बैठिए पूछताछ करनी है, वो भी 6000 करोड़ के घोटाले के केस में, जिसके बारे में विस्तार से बताएं उससे पहले सुनिए इनकी ही तरह तीन और आईपीएस कौन हैं, जिनके घर सीबीआई ने रेड मारी...

  • IPS आनंद छाबड़ा: पंजाब के रहने वाले आनंद छाबड़ा 2001 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं, कई जिलों में एसपी रहे, दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर के आईजी भी रहे हैं.
  • IPS आरिफ शेख: महाराष्ट्र के रहने वाले 2005 बैच के आईपीएस ऑफिसर आरिफ शेख, कई जिलों में एसपी रहे, रायपुर आईजी, एसीबी और EOW के चीफ रहे.
  • प्रशांत अग्रवाल: 2008 बैच के आईपीएस ऑफिसर प्रशांत बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर जैसे शहरों में एसपी रहे हैं, नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया है.

आईपीएस अभिषेक पल्लव के नाम से भी नक्सली थर्र-थर्र कांपते थे. यही वजह रही कि ये छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खास रहे. दंतेवाड़ा में एसपी रहने के दौरान इन्होंने लोन वर्राटू यानि घर वापसी अभियान चलाया, जिसने नक्सलियों की कमर तोड़कर रख दी. इसके बाद उनका ट्रांसफर जांजगीर-चांपा जिले में हुआ, वहां से भूपेश बघेल के गृह जिले दुर्ग भेजे गए.

कहा जाता है इसी दौरान इनका नाम 6000 करोड़ के घोटाले से जुड़ा. कुछ ऐसी ही कहानी लगभग हर अधिकारी की है, ASP अभिषेक माहेश्वरी का घर तो सीबीआई ने सील कर दिया है, क्योंकि पूरा केस बड़े लोगों से जुड़ा है. एक भी गलती पूरे केस की दिशा भटका सकती है. जांच में ये खुलासा हुआ है कि दुबई में बैठकर सौरभ चंद्राकर नाम के लड़के ने यहां के लोगों से पैसे लिए. लोगों को सट्टे की लत लगाई, नए-नए गेम ऑफर किए और इनाम जीतने के नाम पर करोड़ों का खेल किया, जिसकी जांच जब सीबीआई को ट्रांसफर हुई तो पता चला भूपेश बघेल को करोड़ों रुपये कमीशन के मिले हैं, जिसके बाद उनके करीबियों पर भी शिकंजा कसना शुरू हुआ.

अब तक इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ में 70 से ज्यादा मामला दर्ज हुए हैं, 300 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है और 3 हजार से ज्यादा खाते मिले हैं, जिनमें करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है. पहली FIR 31 मार्च 2022 को मोहन नगर थाना में की गई थी.

करीब तीन साल से इस मामले की जांच जारी है और रोज नए खुलासे हो रहे हैं, लेकिन भूपेश बघेल और उनके साथी इसे राजनीतिक साजिश बताने में लगे हैं. जबकि सीबीआई एक-एक सबूत इकट्ठा करने में जुटी है. भूपेश बघेल के पूर्व ओएसडी मनीष बंछोर के घर तो सीबीआई के अधिकारी ताला तोड़कर घुसे, क्योंकि मौके पर पहुंचने पर पता चला वो कहीं घूमने गए हैं.

भिलाई में कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव की मां तो सीबीआई अधिकारियों के सामने ऐसे डटी रहीं कि करीब एक घंटे तक उन्हें समझाना पड़ा, उसके बाद अधिकारियों ने घर की तलाशी ली. इससे पहले शराब घोटाले के केस में भी भूपेश बघेल के घर होली से पहले ईडी ने छापा मारा था, तब 33 लाख कैश और पेन ड्राइव लेकर ईडी की टीम वहां से निकली थी.

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