Adani Power Project: करीब 18 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट, जिसके लगने से पर्यावरण को बड़ा संकट पहुंच सकता है, जंगली जीव-जंतुओं के ठिकाने तबाह हो सकते हैं, और गरीब आदिवासियों के जल-जंगल औऱ जमीन को छीना जा रहा है, उस पर अब रोक लग गई है, जिसके बाद वहां से ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिन्हें देखकर अडाणी ग्रुप के अधिकारियों की नींद उड़ सकती है, ये तस्वीरें मिर्जापुर के उस इलाके की हैं, जहां बड़ी-बड़ी पाइप प्लांट के काम के लिए ले जाए जा रहे थे, लेकिन वन विभाग ने इनसे लदी गाड़ियों को पहले ही रुकवा दिया, और कहा जब तक परमिशन नहीं मिलता तब तक गाड़ी आगे नहीं बढ़ेगी. नतीजा सड़क किनारे ये सारे सामान अडाणी ग्रुप एंड कंपनी को रखवाने पड़े, ख़बर यहां तक है कि भारी मात्रा में आ रहे सामानों को रखवाने के लिए कंपनी को अलग जगह लेनी पड़ी है, वन विभाग के ऑफिसर इस क्षेत्र की कड़ी निगरानी कर रहे हैं, ताकि जंगलों औऱ पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाए. वहां के आदिवासी समाज के लोगों ने ये ऐलान कर दिया है कि जान दे देंगे, पर किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देंगे.
जिन 130 गांवों का ये जिक्र कर रही हैं, वहां के लोग आज भी इस सदमे में हैं कि अगर प्लांट बनकर तैयार हो गया तो आसपास के जीव-जंतुओं का क्या होगा, क्या विकास के नाम पर जंगलों के ऐसे विनाश की छूट किसी को मिलनी चाहिए. कई लोग ये भी पूछ रहे हैं कि अब तक ये कार्रवाई क्यों नहीं हुई. हमने मड़िहान के वन रेंजर डीएस नेगी से फोन पर बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा
“एनजीटी के आदेश के मुताबिक यहां काम नहीं हो सकता. फिलहाल हमने काम रुकवा दिया है.”
जिसे सुनते ही ददरी खुर्द गांव और मड़िहान वन रेंज के उन लोगों ने राहत की सांस ली है, जिनसे जबरन कागजों पर अंगूठे लगवाए गए थे, जिनकी जमीनों पर धमकी देकर कब्जा करवाया गया था.
ये लोग इंतजार में थे कि इनकी पीड़ा जिम्मेदार लोगों तक कब तक पहुंचेगी, जो विंध्य बचाओ अभियान चलाने वाले लोग हैं, वो भी लंबे वक्त से ये गुहार लगा रहे हैं कि किसी भी हाल में काम नहीं होना चाहिए. बकायदा एनजीटी ने रोक भी लगा रखी है, फिर सवाल है किसकी मदद से काम शुरू हुआ था, खाली पड़ी जमीन पर बाउंड्री कैसे हो गई. जो लोग अब तक ये समझ रहे थे कि अडाणी ग्रुप पैसे के दम पर अपना काम करवा रहा है, उन्हें भी ये बात अब समझ आ गई कि एक ईमानदार ऑफिसर ने कैसे कानून की ताकत दिखाई और करीब 18 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट पर रोक लग गई. जो लोग ये पूछ रहे थे कि योगी सरकार में कैसे ऐसा काम चल रहा है उन्हें भी ये समझ आ गया कि योगीराज में अगर कानून का उल्लंघन अडाणी ग्रुप करेगा तो उनके ऑफिसर उसका भी काम रुकवा सकते हैं.