नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार को सुरक्षाबलों के द्वारा बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस की ओर से जानकारी दी गई है कि शनिवार को जारी मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो माओवादियों को मार गिराया. उनके शवों को हथियारों के साथ बरामद कर लिया गया है और तलाशी अभियान जारी है. बताया गया कि किस्टाराम थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक जंगली इलाके में गोलीबारी हुई, जहां सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान चला रही थी, जिसके बाद इधर से भी जवाभी कार्रवाई की गई.
माओवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार को ही अभियान शुरू किया गया था. अभियान में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और सीआरपीएफ की कोबरा इकाई के जवान शामिल थे. बता दें कि एक दिन पहले ही एक जोड़े सहित 7 माओवादियों ने सुकमा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी 2021 के टेकुलगुडा हमले में शामिल थे, जिसमें 22 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी.
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इनमें से एक कैडर शीर्ष माओवादी कमांडर माडवी हिडमा की सुरक्षा टीम का हिस्सा था. आत्मसमर्पण करने वाले विद्रोहियों में से तीन पर 8-8 लाख रुपए का इनाम था, जबकि चार पर 2-2 लाख रुपए का इनाम था. उन्होंने हथियार डालने के कारणों के रूप में छत्तीसगढ़ की नक्सलवाद उन्मूलन और पुनर्वास नीति और 'नियाद नेला नार' योजना का हवाला दिया.
पुलिस ने कहा कि खुफिया शाखा की टीम, दोरनापाल पुलिस और सीआरपीएफ बटालियन 131 और 241 के प्रयासों ने आत्मसमर्पण को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. अधिकारियों ने कहा कि पुलिस का बढ़ता प्रभाव और माओवादी संगठन की अमानवीय विचारधारा तंग आकर इन लोगों ने अत्मसर्पण किया है. आत्मसमर्पण करने वाले जोड़े, रव्वा मुके और हेमला हिडमा, माओवादी रैंकों में सक्रिय रहते हुए मिले और शादी कर ली. उन्हें, अन्य लोगों के साथ, सरकारी प्रोत्साहन और पुनर्वास सहायता मिलेगी.