नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में दो बच्चों में Human metapneumovirus (HMPV) की पुष्टि हुई है, जिससे मंगलवार को देश में कुल मामलों की संख्या 7 हो गई. नागपुर में दो मामले सात वर्षीय और 13 वर्षीय बच्चे के हैं. शुरू में बच्चों को एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) से संक्रमित होने का संदेह था, लेकिन बाद में पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) परीक्षणों ने (HMPV) की पुष्टि की.
ठीक हो गए हैं दोनों मरीज
नागपुर में मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने बताया कि दोनों बच्चे आउट पेशेंट देखभाल के माध्यम से ठीक हो गए. अन्य मामले कर्नाटक (2), गुजरात (1), तमिलनाडु (2) से थे. इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने देश में श्वसन संबंधी बीमारियों की वर्तमान स्थिति और उनके प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की स्थिति की समीक्षा की है.
राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश
सरकार ने (HMPV) पर अपने नवीनतम अपडेट में कहा कि देश में श्वसन संबंधी बीमारियों में कोई उछाल नहीं है. ऐसे मामलों का पता लगाने के लिए मजबूत निगरानी की जा रही है. वहीं राज्यों को निवारक उपायों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी गई है. राज्यों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) निगरानी को मजबूत करने और समीक्षा करने की भी सलाह दी गई है.
इससे पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि भारत का निगरानी नेटवर्क सतर्क बना हुआ है और देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौती का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा था कि चिंता करने की कोई बात नहीं है. हम स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं. आईसीएमआर के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर के अनुसार, HMPV निश्चित रूप से जानलेवा नहीं है और आज तक मृत्यु दर या गंभीर संक्रमण दर का कोई सबूत नहीं है.
अधिकांश संक्रमण हल्के होते हैं और केवल पांच साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से अधिक उम्र के लोगों में होते हैं. यह 4 से 5 दिनों तक सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा कर सकता है. उन्होंने कहा कि वायरस न्यूमोनाइटिस जैसी बीमारी पैदा कर सकता है, लेकिन मृत्यु दर अभी तक लगभग अज्ञात है. HMPV का वैश्विक प्रसार लगभग 4 प्रतिशत है.