नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के घने जंगल से पुलिस ने एक नौ महीने की गर्भवती महिला को बचा लिया. अंजू का यह डरावना सफर तब खत्म हुआ. बुधवार रात को गुरजा गांव से अगवा होने के बाद अपहरणकर्ताओं ने उसे खुरदुरे जंगल के रास्ते से करीब 25 किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर कर दिया. इससे उसके पैरों पर चोटें लग गईं और खून बहने लगा.
जब पुलिस ने तलाश तेज कर दी और नाकेबंदी लगा दी, तो अपराधी उसे छोड़कर भाग गए. बुधवार को योगेंद्र गुर्जर ने अपने दर्जन से ज्यादा साथियों के साथ गुरजा गांव में गिरराज गुर्जर के घर पर हमला किया. हमलावरों ने कई राउंड फायरिंग की और अंजू का अपहरण कर लिया. हमले के दौरान अंजू की सास, ननंद (दादी) और चाचा जी को भी पीटा गया. वे घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
अपहरण के बाद अपहरणकर्ताओं ने अंजू को गर्भावस्था के बावजूद आसपास के जंगल में करीब 25 किमी पैदल चलाया. इससे उसके पैरों पर घाव हो गए. पुलिस को अपहरण और गुर्जर घर पर बढ़ती हिंसा की खबर मिलते ही इलाके में तुरंत सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया. गुरुवार को पुलिस को अपहरणकर्ताओं के ठिकाने की जानकारी मिली, जो लंका पहाड़ इलाके में था. इस सूचना पर पुलिस ने इलाके को घेर लिया.
अपहरणकर्ताओं को पुलिस की मौजूदगी का अहसास हो गया, तो उन्होंने अंजू को जंगल में ही छोड़ दिया और भाग निकले. फिर पुलिस वाले घायल महिला को बचाकर कमला राजा अस्पताल ले गए, जहां इलाज चल रहा है.अब अधिकारी योगेंद्र गुर्जर और उसके साथियों को अपहरण और हमले के मामले में तलाश रहे हैं.