उत्तर प्रदेश में इन दिनों भेड़िये के साथ साथ जानवरों का खौफ बढ़ता ही जा रहा है. बहराइच से अभी कुछ घंटों पहले ही ये खबर आयी की पांचवा भेड़िया पकड़ा गया और सिर्फ एक भेड़िया बचा है जिसे भी वन विभाग की टीम बहुत जल्द पकड़ लेगी. इस खबर से आसपास के गावों के लोगों में सुकून की एक लहर आयी लेकिन बहराइच में जब लोग राहत की सांस लेना शुरू कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ सोमवार रात को मिर्जामुराद क्षेत्र के बनशीपुर गांव में एक जंगली जानवर के हमले में एक युवक घायल हो गया. ग्रामीणों के अनुसार, जानवर ने गांव के जानवरों को भी नुकसान पहुंचाया.
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर उस जानवर की तलाश शुरू कर दी. डर की वजह से गांववाले पूरी रात जागते रहे. वन विभाग को भी इस घटना की सूचना दी गई, लेकिन जंगल में उस जानवर के कोई निशान नहीं मिले. वाराणसी के बनशीपुर गांव के निवासियों ने बताया कि एक भेड़िये ने कैलाश यादव के घर के बाहर बंधी भैंस पर हमला किया.
नितेश यादव, जो 22 साल का है, जब भैंस के चिल्लाने की आवाज सुनकर वहां पहुंचा तो उस पर भी जानवर ने हमला कर दिया. घर की महिला भी चिल्लाने की आवाज सुनकर बाहर आई, लेकिन जानवर ने उसका भी पीछा करना शुरू कर दिया, जिससे वह गिर गई. उस जानवर ने घर के दरवाजे पर बंधी दो भैंसों और एक बछड़े को भी घायल कर दिया. परिवार ने लाठियों के साथ मिलकर जानवर को भगाया, जिसके बाद वह धान के खेतों की ओर भाग गया. इस घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई और पुलिस ने मौके पर आकर तलाशी ली.
गांव के प्रधान अभिमन्यु ने वन विभाग को सूचना दी कि नितेश यादव, जो स्थानीय निवासी है, उसे एक जंगली जानवर ने काट लिया. वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की. वन अधिकारी ने बताया कि इलाके में सियार, बिल्ली और कुत्तों के पैरों के निशान मिले हैं. एक सियार को भी देखा गया, जिससे पता चला कि युवक पर हमला भेड़िये ने नहीं, बल्कि सियार ने किया था. ग्रामीणों को डर था कि भेड़िये ने हमला किया, लेकिन जांच में भेड़िये के कोई निशान नहीं मिले. वन विभाग ने ग्रामीणों को अंधेरे में अकेले बाहर न जाने की सलाह दी.
इस घटना ने बहराइच के भेड़िये के हमले की घटना की याद दिला दी, जहां भेड़ियों के हमले से कई लोग घायल होने के साथ साथ अपनी जान गवा चुके हैं. हालांकि, इस मामले में सियार के हमले की पुष्टि हुई है, लेकिन लोगों में भेड़िये का डर अब भी बना हुआ है.