मुंबई: भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अपने चेयरमैन मुकेश अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी को मई 2025 से एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया है. कंपनी की हालिया स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, 30 वर्षीय अनंत को सालाना 10 से 20 करोड़ रुपये का वेतन, कंपनी के मुनाफे पर कमीशन और कई अन्य सुविधाएं मिलेंगी. यह नियुक्ति रिलायंस की उत्तराधिकार योजना का हिस्सा है, जिसके तहत मुकेश अंबानी ने अपने तीनों बच्चों—आकाश, ईशा और अनंत—को कंपनी के विभिन्न व्यवसायों की कमान सौंपी है. अनंत की नियुक्ति न केवल उनकी बढ़ती भूमिका को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि रिलायंस भविष्य की चुनौतियों के लिए अगली पीढ़ी को तैयार कर रही है.
अनंत अंबानी को मिलने वाली सुविधाएं
फाइलिंग के अनुसार, अनंत की सैलरी में हर साल होने वाली बढ़ोतरी का फैसला कंपनी की एचआरएनआर कमेटी करेगी. सैलरी के अलावा, उन्हें कई विशेष सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी. इनमें आवास (फर्निश्ड या अनफर्निश्ड) या इसके बदले हाउस रेंट अलाउंस, घर के रखरखाव का खर्च, बिजली, पानी, गैस, फर्निशिंग और मरम्मत के खर्चे शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, अनंत और उनके परिवार को यात्रा भत्ता, चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति, कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई गई गाड़ियां और सुरक्षा व्यवस्था भी मिलेगी. कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स को मिलाकर कुल वेतन और भत्ते कंपनी के वार्षिक शुद्ध लाभ के 1% से अधिक नहीं होंगे.
अनंत की शैक्षिक पृष्ठभूमि
अनंत अंबानी ने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई के प्रतिष्ठित धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल से पूरी की. इसके बाद उन्होंने अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में स्नातक की डिग्री हासिल की. उनकी यह शैक्षिक पृष्ठभूमि उन्हें रिलायंस के जटिल व्यवसायों, खासकर ऊर्जा और सामग्री क्षेत्र में योगदान देने के लिए तैयार करती है. अनंत 2015 से रिलायंस समूह का हिस्सा हैं और पिछले एक दशक में उन्होंने तेल-से-रसायन (ओ2सी) व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं, जैसे कच्चे तेल की सोर्सिंग, रिफाइनरी संचालन और उत्पादों की आपूर्ति व व्यापार में अनुभव प्राप्त किया है.
रिलायंस में अनंत की भूमिका
रिलायंस की उत्तराधिकार योजना के तहत अनंत को ऊर्जा और सामग्री व्यवसायों की विस्तार योजना में अहम जिम्मेदारी दी गई है. वह कंपनी के तेल-से-रसायन (ओ2सी) प्रोजेक्ट्स, जैसे विनाइल चेन और विशेष पॉलिएस्टर, के साथ-साथ नई ऊर्जा गीगाफैक्ट्रियों की योजना, कार्यान्वयन और निगरानी में सक्रिय रूप से शामिल हैं. इसके अलावा, अनंत सिर एच.एन. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल और वंतारा प्रोजेक्ट—जो वन्यजीव संरक्षण और बचाव पर केंद्रित है—में भी योगदान दे रहे हैं. उनकी ये जिम्मेदारियां रिलायंस के 2035 तक नेट कार्बन जीरो बनने के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण हैं.
उत्तराधिकार योजना और भाई-बहनों की भूमिका
मुकेश अंबानी ने 2002 में अपने पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद हुए पारिवारिक विवादों से सबक लेते हुए 2023 में अपने तीनों बच्चों को रिलायंस के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में शामिल किया था. इस कदम को कंपनी की दीर्घकालिक उत्तराधिकार योजना के हिस्से के रूप में देखा गया. आकाश अंबानी, जो ब्राउन यूनिवर्सिटी से स्नातक हैं, जियो इंफोकॉम के चेयरमैन हैं और मुंबई इंडियंस क्रिकेट टीम का प्रबंधन भी करते हैं. ईशा अंबानी, येल यूनिवर्सिटी की स्नातक, रिलायंस रिटेल और ई-कॉमर्स के साथ-साथ जियो फाइनेंशियल सर्विसेज की जिम्मेदारी संभाल रही हैं. अनंत की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में नियुक्ति उन्हें अपने भाई-बहनों में पहला कार्यकारी निदेशक बनाती है, जो रिलायंस के भविष्य के लिए उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है.
रिलायंस का भविष्य
मुकेश अंबानी ने 28 दिसंबर 2023 को अपने पिता धीरूभाई अंबानी की जयंती पर कहा था, "रिलायंस का भविष्य आकाश, ईशा, अनंत और उनकी पीढ़ी के हाथों में है. मुझे विश्वास है कि वे मेरी पीढ़ी से कहीं अधिक उपलब्धियां हासिल करेंगे." अनंत की नियुक्ति और उनकी जिम्मेदारियां इस दिशा में एक बड़ा कदम हैं. रिलायंस, जो तेल, रसायन, टेलीकॉम और रिटेल जैसे विविध क्षेत्रों में भारत की अग्रणी कंपनी है, अनंत के नेतृत्व में नई ऊर्जा और टिकाऊ व्यवसायों की दिशा में तेजी से बढ़ रही है. यह मामला न केवल रिलायंस की व्यावसायिक रणनीति को बल्कि भारत के कॉर्पोरेट परिदृश्य में अगली पीढ़ी के नेतृत्व की उभरती ताकत को भी दर्शाता है.