लोकसभा चुनाव संपन्न होने और तीसरी बार एनडीए सरकार के गठन के बाद लगातार भाजपा सरकार बड़े-बड़े फैसले ले रही है. किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी करना हो या फिर राज्यों को 1.39 करोड़ रुपए भेजने का फैसला या फिर उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा एक के बाद एक एक्शन हर फैसले में जनहित के मुद्दे दिख रहे हैं. इस बीच असम की बीजेपी सरकार ने भी बड़ा फैसला लिया है.
दरअसल, असम सरकार ने बाल विवाह पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया है और एक नई पहल करते हुए कक्षा 11 से पीजी तक की छात्राओं के लिए 2500 रुपए तक मासिक वजीफा देने का ऐलान किया है. इसे लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जानकारी दी है.
सीएम ने कहा है कि असम सरकार ने बाल विवाह रोकने के लिए एक अनूठी योजना की शुरुआत की है. सीएम ने कहा है कि बच्चियों की पढ़ाई न रोकी जाए और स्नातकोत्तर तक शिक्षा पूरी सकें इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जाएगा. सीएम ने कहा है कि इस योजना के अंतर्गत अगर छात्राएं कक्षा 11 वीं और 12 वीं में दाखिला लेती हैं तो उन्हें सरकार 1 हजार रुपए मासिक भत्ता देगी.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि साथ ही जो छात्राएं डिग्री कोर्स या ग्रेजुएशन कोर्सेज में नामांकण कराएंगी, उन्हें राज्य सरकार की ओर से प्रतिमाह 1250 रुपए मिलेंगे. वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाली छात्राओं को राज्य सरकार की ओर से 2500 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे. उन्होंने कहा है कि इस योजना का मकसद असम में बाल विवाह को रोकना है और लड़कियों को आगे बढ़ाना है.
सीएम ने कहा है कि राज्य सरकार के इस फैसले से माता-पिता का बोझ भी काफी हद तक खत्म हो जाएगा और वे अपनी पुत्रियों को आसानी से कॉलेज और यूनिवर्सिटी भेज सकेंगे. उन्होंने कहा है कि मंत्रियों, विधायकों और सांसदों की बेटियों और निजी कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं को छोड़कर सभी लड़कियों को उनकी वित्तीय पृष्ठभूमि के बावजूद योजना में शामिल किया जाएगा.
इस दौरान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जानकारी देते हुए बताया है कि जून और जुलाई में गर्मी की छुट्टियों के दौरान कोई पैसा नहीं दिया जाएगा. यह भत्ता छात्राओं के बैंक खातों में साल में 10 महीने के लिए जमा किया जाएगा और महीने की 11 तारीख को छात्रों के खाते में पैसे डाल दिए जाएंगे.