सिर मुंडवा, भगवा ओढ़ संन्यासी क्यों बने सपा सांसद अवधेश प्रसाद, आई चौंकाने वाली तस्वीर

Abhishek Chaturvedi 14 Sep 2025 02:45: PM 2 Mins
सिर मुंडवा, भगवा ओढ़ संन्यासी क्यों बने सपा सांसद अवधेश प्रसाद, आई चौंकाने वाली तस्वीर

नई दिल्ली: क्या बेटे की हार के बाद अवधेश प्रसाद पूरी तरह बदल गए हैं, आखिर इन्होंने अचानक भगवा क्यों ओढ़ लिया, भगवा रंग का कुर्ता, सिर पर लाल टोपी और धोती पहने अवधेश अचानक लोगों को अक्षत क्यों छिड़क रहे हैं, जिसने भी ये तस्वीर देखी, जिसे भी इलाके में ये ख़बर मिली वो हैरान रह गया, क्योंकि इससे पहले अवधेश प्रसाद का ऐसा रूप शायद ही किसी ने देखा होगा.

इसी लिबास में वो मीडिया के सामने भी आते हैं, और बयान भी देते हैं, ऐसे में हमने ये समझने की कोशिश की कि आखिर माजरा क्या है, तो इनके सोशल मीडिया अकाउंट पर हमें 23 तस्वीरें मिलीं.  किसी तस्वीर में अवधेश प्रसाद का महिलाएं पैर छू रही हैं, तो किसी तस्वीर में वो हाथ जोड़े खड़े हैं, एक तस्वीर में तर्पण करते नजर आते हैं, जिसे देखने के बाद पता चलता श्राद्ध का महीना चल रहा है इसलिए पूर्वजों का तर्पण कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए भगवा वस्त्र ओढ़कर इस तरीके से इतने बड़े आयोजन की क्या जरूरत थी, क्योंकि श्राद्ध के महीने में पूर्वजों को पानी देने की परंपरा तो कई जगहोंपर है, और उसके लिए लोग एक तय तिथि के दिन अनुष्ठान करते हैं फिर अवधेश प्रसाद की प्लानिंग क्या है.

पता चलता है अवधेश प्रसाद गयाजी और जगन्नाथ पुरीजी की यात्रा पर निकल रहे हैं, और ये यात्रा से पहले की उनकी तस्वीर है, जहां उन्होंने अपने पैतृक गांव सुरवारी पूरे लच्छन तिवारी में अपने माता-पिता और भाई की समाधि स्थल पर विधि-विधान से पिंडदान कर पूर्वजों का तर्पण किया. उसके बाद ननिहाल शेखपुरा जाफर पहुंचे, जहां उन्होंने अच्छत छींटना शुरू किया तो आसपास के कई लोग आ गए. हालांकि उनकी यात्रा आध्यात्मिक है लेकिन राजनीतिक गलियारों में भी ये चर्चा का विषय बनी हुई है. पार्टी नेताओं का मानना है कि यह यात्रा उनकी आस्था का प्रतीक है और आलोचकों के लिए सीधा जवाब भी.

हालांकि कई लोग ये भी कह रहे हैं कि बेटे की मिल्कीपुर में हार के बाद अवधेश प्रसाद ने ये समझ लिया कि टोपी वाली सियासत ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी, टीका लगाना ही होगा, भगवा का विरोध करके प्रभु श्रीराम की धरती से सांसद तो एक बार को बन सकते हैं, पर जनता के दिलों में जगह नहीं बन पाएगी.

शायद इसीलिए अब न तो अखिलेश अवधेश को अयोध्या का राजा बताने की दोबारा भूल कर रहे हैं और ना ही अवधेश प्रसाद कोई ऐसी गलती कर रहे हैं, बल्कि एक-एक टिप्पणी भी सोच-समझकर करने लगे हैं, और गया में श्राद्ध को लेकर चूंकि इस बार कई वीवीआईपी पहुंच रहे हैं, सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने अपनी मां की आत्मा की शांति के लिए वहां प्रार्थना की, अब पीएम मोदी भी वहां जाने वाले हैं तो वहीं अवधेश प्रसाद का अब गया जाना और फिर जगन्नाथ पुरी की यात्रा पर निकलना, कई राजनीतिक सवालों को जन्म दे रहा है.

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