बेंगलुरु: पूर्व मंत्री और चिक्काबल्लापुर लोकसभा सीट से भाजपा सांसद डॉ. के. सुधाकर की जीवनसंगिनी डॉ. प्रीति सुधाकर साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस गईं. धोखेबाजों ने वीडियो चैट के जरिए खुद को मुंबई के साइबर सेल का अफसर बताकर उन्हें 'डिजिटल गिरफ्तारी' का भ्रम पैदा किया और चंद घंटों में 14 लाख रुपये हड़प लिए.
स्कैमरों की चालाकी ऐसी थी कि उन्होंने वीडियो कॉल पर डॉ. प्रीति को डराया, दावा किया कि उनके कागजातों का गलत इस्तेमाल विदेशी अवैध कारोबार में हो चुका है. घबराहट में डॉ. प्रीति ने पैसे ट्रांसफर कर दिए, तो ठगों ने आरबीआई के कथित नियमों का हवाला देकर 45 मिनट में राशि लौटाने का आश्वासन दिया. लेकिन जैसे ही ट्रांजेक्शन पूरा हुआ, वे फोन बंद कर गायब हो गए.
पीड़िता की तत्काल शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज हुआ. पुलिस ने फुर्ती दिखाते हुए संदिग्ध बैंक खातों को सील कर दिया और अदालत के निर्देश से यह सुनिश्चित किया कि पूरी रकम सात दिनों के अंदर डॉ. प्रीति के पास वापस पहुंच जाए.
अभी तक अपराधियों की तलाश जारी है, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. साइबर पुलिस ने तकनीकी ट्रैकिंग और डिजिटल फुटप्रिंट्स की पड़ताल तेज कर दी है. यह मामला डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते खतरे को उजागर करता है, खासकर वरिष्ठ परिवारों को निशाना बनाने की साजिशों को. डॉ. सुधाकर ने भी घटना पर दुख जताया और लोगों से सतर्क रहने की अपील की.