गाजियाबाद: गुरुवार को पूरे भारत में महात्मा गांधी की जन्मतिथि के साथ-साथ दशहरा पर्व की धूम मची रही. हर ओर रामलीलाओं का आयोजन हुआ, जहां रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतलों को जलाया गया. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित कविनगर रामलीला स्थल पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद अतुल गर्ग ने बापू के सिद्धांतों पर एक उकसाने वाला भाषण दे दिया, जो तुरंत चर्चा का विषय बन गया.
रावण वध के दृश्य के बाद मंच पर चढ़े अतुल गर्ग ने अपनी बातचीत में गांधीजी के अहिंसा के रास्ते पर सवाल उठाते हुए कहा, "महात्मा गांधी ने तो शांति प्राप्ति के लिए सत्याग्रह और अहिंसा का पथ दिखाया, लेकिन वे खुद ही बता दें कि हमारा यह राष्ट्र भगवान राम के बिना अधूरा है, और राम का चित्रण धनुष-बाण के अभाव में संभव नहीं. फिर बिना हथियारों के शांति का स्वरूप क्या होगा? बताइए, कौन से ईश्वरीय रूप हैं जिनके पास शस्त्र न हों?"
सांसद ने आगे कहा कि जो समाज हथियारों की आराधना करता है, उसे शांति के बहाने गुलामी की जंजीरों में जकड़ दिया गया. हमें कठोर यातनाओं का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, "कम से कम इतना तो ग्रहण करना चाहिए कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपराधियों जैसे अतीक अहमद या मुख्तार अंसारी का सफाया अनिवार्य है." रामलीला के इस मंच से अतुल गर्ग ने राष्ट्र की प्रगति पर जोर देते हुए आगे बोले, "यदि हमें उन्नति की मंजिल छूनी है, तो सीमा पार जाकर पाकिस्तान जैसे प्रतिद्वंद्वियों को सबक सिखाना पड़ेगा. हमें अपने आंगन में ही शस्त्र निर्माण करना होगा, उन्हें संभालना सीखना होगा. चाहे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप हों या कोई अन्य शक्ति, हमें सीधे नजर मिलाकर कड़ा प्रतिकार करना होगा."
बयान देते समय मंच पर गाजियाबाद के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस और मुरादनगर से बीजेपी के विधायक अजीत पाल त्यागी के अलावा रामलीला समिति के कई प्रमुख सदस्य उपस्थित थे. इस बयान ने सोशल मीडिया पर तीखी बहस छेड़ दी है.