उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी योगी से भी ज्यादा गुस्से में हैं, क्योंकि हरिद्वार से लेकर हल्द्वानी तक और देहरादून से लेकर नैनीताल तक जो चल रहा है, वो देवभूमि के लिए बड़ा खतरा बन सकता है. इसीलिए एक के बाद एक एक्शन लेना धामी ने शुरू कर दिया है. धामी ने अब जो एक्शन लिया है, वो योगी के बुलडोजर एक्शन से भी तगड़ा है. यही एक्शन अगर यूपी में योगी ने ले लिया तो हाहाकार मच जाएगा.
वो एक्शन क्या है, वो समझने के लिए आपको पूरा मामला विस्तार से समझना होगा. दरअसल, बीजेपी विधायक शिव अरोरा ने विधानसभा में कहा है कि सांप्रदायिक ताकतें देवभूमि की संस्कृति को प्रभावित करने में लगी हैं. मीडिया में ऐसी ख़बर सामने आई कि उत्तराखंड में 1 हजार से ज्यादा अवैध मजार हैं, जो सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए गए हैं.
वन विभाग की जमीन से लेकर PWD, रिजर्व फॉरेस्ट और जिम कॉर्बेट की जमीनों तक पर लोगों ने कब्जा किया हुआ है. ये कब्जा कोई साल दो साल में नहीं हुआ, बल्कि इसकी कहानी शुरू हुई साल 2000 से, जब यूपी से उत्तराखंड अलग हुआ. कुछ लोगों ने हरिद्वार में गंगा किनारे बसना शुरू कर दिया, आज ज्वालापुर मुस्लिम बाहुल्य इलाका बन चुका है.
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2011 की जनगणना के हिसाब से हरिद्वार में 4 लाख 78 हजार मुस्लिम थे, जो अब साढ़े 6 लाख हो गए हैं.
हरिद्वार जो कि हिंदुओं के आस्था का शहर है, वहां मुस्लिम आबादी करीब 34.2 प्रतिशत है. वैसे हर शहर में हर किसी को रहने या बसने की आजादी है, लेकिन उत्तराखंड के नेता इसे लैंड जिहाद बता रहे हैं.
हरिद्वार वाला हाल ही नैनीताल, देहरादून और हल्द्वानी में है. हल्द्वानी के बनभूलपुरा में बीते दिनों जब अवैध अतिक्रमण हटाने पुलिस गई थी, तो उस पर भी हमला हो गया था, वहां अवैध बस्ती बसाने वाला अब्दुल आज जेल में है, लेकिन अब्दुल जैसे न जाने कितने भूमाफिया उत्तराखंड में बैठे हुए हैं. हरिद्वार में अफजल जैसे कई भूमाफियाओं के खिलाफ धामी सरकार कड़ी कार्रवाई कर रही है, लेकिन ये कहानी रुकने का नाम नहीं ले रही है.
हालत ये है कि उत्तराखंड में एक खास समुदाय की संख्या और जमीनों पर कब्जा बढ़ता जा रहा है और इसके कई तरीके हैं. जैसे सरकारी जमीन पर मजार या दरगाह बनाकर उसे कब्जा कर लेना. तेजी से अपने लोगों को बुलाकर सड़क किनारे या नदी किनारे बस जाना. ये बात जैसे ही धामी तक पहुंची वो तुरंत गुस्से से लाल हो उठे और साफ कहा कि हरी चादर हो या नीली चादर वो सरकारी जमीन पर है, तो उसे हटाओ.
सीएम ने कहा है कि यह देवभूमि है और देवभूमि में इस तरह की चीजें नहीं चलेंगी. धामी का ये गुस्सा बताता है कि उत्तराखंड में किस कदर बडी प्लानिंग रची जा रही है, जिन पहाड़ों को शांत कहा जाता था. उन्हें अशांत करने की साजिश कुछ लोग रच रहे हैं. जरूरी नहीं है कि इनमें सब टोपीवाले ही हों, इनमें कुछ वो लोग भी हो सकते हैं, जो थोड़ी सी लालच के चक्कर में ऐसा कर रहे होंगे.
गलत करने वाला चाहे कोई हो, योगी की पॉलिसी यही कहती है कि बुलडोजर चलना चाहिए. उत्तराखंड के लोग तो ये कहते हैं कि कांग्रेस सरकार में खासकर एनडी तिवारी और हरीश रावत के राज में मुस्लिमों को योजनाबद्ध तरीके से बसाया गया. उन पर एक्शन नहीं हुआ, इसलिए अवैध कब्जे का खेल बढ़ता गया, क्योंकि ये वोटबैंक बने हुए थे और अब एक्शन हो रहा है तो इन्हें राजनीतिक संरक्षण देने वाले लोग बचाने की कोशिश कर रहे हैं.