प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा जन समागम ‘महाकुंभ’ शुरू हो चुका है. हर रोज देश और दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं. इस बार के महाकुंभ का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद खास है. ऐसे में श्रद्धालुओं की हर जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार के साथ-साथ व्यापारी भी अपनी तैयारी में लगे हुए हैं.
पूजा सामग्री में पीतल के बर्तन, कलश, शंख, दीपक, घंटे-घंटी, आरती के पात्र और विशेष तौर पर भगवान का मूर्तियों की अत्यधिक मांग हैं. इनकी मांग न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के कारण भी कई गुना बढ़ गई है. महाकुंभ में पीतल के मूर्तियों की भारी मांग को देखते हुए अलीगढ़ में बड़े पैमाने पर मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है.
मूर्तियों के निर्माण में हिंदू कारीगरों के साथ मुसलमान कारीगर भी बढ़चढ़ कर अपना योगदान दे रहे हैं. श्रद्धालुओं की जरूरत को पूरा करने के लिए कारीगर दिन-रात मेहनत कर मूर्तियां समेत पीलत के कई तरह के सामानों का निर्माण कर रहे हैं.
यहां धर्म और जाति से ऊपर उठकर मुस्लिम मूर्तिकारों द्वारा हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों का निर्माण कर हिंदू-मुस्लिम एकता का शानदार उदाहरण पेश किया जा रहा है. महाकुंभ में भले ही मुस्लिमों के बॉयकाट की अफवाह सुनने को मिल रही है लेकिन उसी महाकुंभ के जरिए इन मुस्लिम कारीगरों की कला देश के विभिन्न भागों में पहुंच रही है.