अमानत अंसारी
राहुल गांधी मणिपुर के दौरे पर पहुंचे, जिसपर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कई नेताओं ने राजनीति करने का आरोप लगाया है. बता दें कि मणिपुर में मई 2023 से ही हिंसा का दौरा जारी है. कुकी और मैतेई समुदाय के लोग एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं. इसी बीच नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Leader of Opposition Rahul Gandhi) ने हिंसा शुरू होने के बाद से तीसरी बार मणिपुर का दौरा किया है. राहुल गांधी ने इसी साल लोकसभा चुनाव से पहले मणिपुर से ही भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) की शुरुआत भी की थी. वहीं इसबार जब वे मणिपुर पहुंचे हैं तो इस पर और ज्यादा राजनीति देखने को मिल रही है.
दरअसल, मणिपुर के दौरे पर आए राहुल गांधी ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मणिपुर में हिंसा (Violence in Manipur) का जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने कहा है कि मैं यहां काफी समय बाद आया हूं और मैंने सोचा था कि ग्राउंड पर इम्प्रूवमेंट देखने को मिलेगा पर दुख की बात है कि वो इम्प्रूवमेंट देखने को नहीं मिला. मैंने कैंप में लोगों से मिला, उनकी बाते सुनी, उनका दर्द देखा. मैं बस यही कहना चाहता हूं कि नफरत और हिंसा से आगे कोई रास्ता नहीं बनेगा. मणिपुर में जो हालात हैं उससे हम खुश नहीं हैं. मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वो मणिपुर आए और यहां के लोगों से मिले उनके दुख और दर्द को सुनें. यहां के लोग भी यही चाहते हैं.
नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद बदली राहुल की राजनीति
लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई. BJP को जहां 240 सीटों पर सफलता मिली, हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) के मुकाबले भाजपा को कम सीटें मिली है. वहीं कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की और आपसी सहमति से इंडिया (INDIA Alliance) गठबंधन ने राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाने का निर्णय लिया. तब से ही राहुल गांधी फुल फॉर्म में नजर आ रहे हैं. पहले राहुल ने लोकसभा संत्र के दौरान सदन में एनडीए (NDA) को घेरा फिर सदन से बाहर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर निशाना साधा.
लोको पायलटों से मुलाकात, रेलवे ने किया अलग दावा
हाल ही में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का दौरा किया था. वहां राहुल ने करीब 50 लोको पायलटों (Rahul Gandhi met loco pilots) से मुलाकात की थी और वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी थी. हालांकि इस मुलाकात को लेकर उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने अलग तरीके का दावा कर सनसनी फैला दिया. जनसंपर्क अधिकारी ने दावा किया कि राहुल गांधी जिन लोको पायलटों से मुलाकती थी, वे दिल्ली के नहीं थे कहीं और से लाए गए. उन्होंने यह भी दावा किया था कि वे भारतीय रेलवे लॉबी (Indian Railway Lobby) से नहीं थे. वहीं राजनीतिक जानकार मानते हैं कि राहुल गांधी के लिए जनता से जुड़े रहना और उनके मुद्दों को उठाना फायदेमंद साबित होगा.
दिहाड़ी मजदूरों का जाना हाल, बताया था रीढ़ की हड्डी
इसी बीच राहुल गांधी का एक और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह दिल्ली के मजदूरों से मुलाकात (Rahul Gandhi met daily wage laborers) करते नजर आए थे. इस वीडियो की भी खूब चर्चा हुई थी. इस दौरान कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी के इस कदम को गैर राजनीतिक बताया था. राहुल ने मजदूरों से उनकी समस्याएं भी पूछी थी और फावड़ा उठाकर उनके साथ काम भी किया था. इसका वीडियो कांग्रेस ने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर शेयर किया था. इस दौरान राहुल गांधी ने दिहाड़ी मजदूरों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया था.
हाथरस हादसे पर चिट्ठी लिखकर उठाई थी आवाज...
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाथरस हादसे (Hathras Accident) के बाद क्षेत्र का दौरा भी किया था. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को चिट्ठी लिखकर पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग की थी. इन्ही बातों को लेकर अब एनडीए के नेताओं ने राहुल गांधी को घेरना शुरू कर दिया है. वहीं राजनीतिज्ञ विशेषज्ञों का मानना है कि यह राहुल गांधी की प्रेशर पॉलिटिक्स (Rahul Gandhi's pressure politics) है. राहुल भाजपा को दिखाना चाहते थे कि वे अब पुराने वाले राहुल नहीं है और अब सत्ता पक्ष पर दबाव भी डाल सकते हैं.
कांग्रेस के अन्य नेताओं को भी मिल रहा बल...
राहुल गांधी के इस कदम से अब कांग्रेस (Congress) के अन्य नेताओं ने भी खुलकर केंद्र सरकार (Central government) का मुखालफत करने लगे हैं. इसका ताजा उदाहरणा कांग्रेस नेता उदित राज (Congress leader Udit Raj) है. हाल ही में उदित राज ने भी पीएम मोदी (PM Modi) पर निशाना साधा है. उन्होने कहा कि पीएम मणिपुर को देश का हिस्सा ही नहीं मानते हैं इसलिए मणिपुर को आग के हवाले कर दिया है. उन्होंने कहा कि हिन्दू और ईसाई का झगड़ा जितना बढ़ेगा उतना ही बीजेपी को फायदा होगा. हमारे पीएम और होम मिनिस्टर अमित शाह (Home Minister Amit Shah) दोनों ही इतने बिजी हैं कि उनके पास मणिपुर जाने का समय तक नहीं है.