विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थाई सीट पाने के बिलकुल करीब पहुंच चुका है. ज्यादातर देश भारत के पक्ष में हैं और वह जानते हैं कि भारत इसका कितना मजबूत दावेदार है. उन्होंने कहा कि UNSC में स्थाई सीट के लिए भारत की दावेदारी की बात आती है तो उन्हें लगता है कि चीजें सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही हैं.
उन्होंने कहा कि विकसित भारत के कई चेहरे और अभिव्यक्ति होंगी और UNSC उनमें से एक होगी. जयशंकर ने कहा कि लोगों की पसंद यह है कि क्या भारत की गाड़ी को चौथे गियर पर जाना चाहिए, पांचवें गियर पर या फिर इसे रिवर्स गियर पर जाना चाहिए.
उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि भारत और नरेन्द्र मोदी सरकार ने कोविड-19 महामारी के समय स्थिति को कैसे संभाला. उन्होंने कहा कि उस समय के प्रधानमंत्री, उस समय की सरकार ने चुनौती के बारे में गंभीर, शांत दृष्टिकोण अपनाया.
जयशंकर ने चार साल पहले शुरू हुई पूर्वी लद्दाख की स्थिति और भारत ने जिस तरह से इस पर प्रतिक्रिया दी, उसका उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि एक बात है जो लोग अक्सर उनसे कहते हैं कि सरकारें बदलती हैं लेकिन विदेश नीति नहीं बदलती. उन्होंने कहा कि यह बात सभी विदेश मंत्रियों को सुननी होगी. यह ऐसा है जैसे हम गिनती नहीं करते. हम इसे ऑटो-पायलट पर कर रहे हैं और, मैं लोगों से कहता हूं.यह वास्तव में सच नहीं है.
जयशंकर ने कहा कि मुंबई में 26/11 (आतंकवादी हमले) पर हमारी प्रतिक्रिया देखें और उरी और बालाकोट पर हमारी प्रतिक्रिया देखें. उन्होंने कहा कि उरी और बालाकोट का उद्देश्य इस बात को प्रदर्शित करना था कि नहीं, ऐसे जीवन नहीं चलेगा और इसकी कीमत चुकानी होगी.
UNSC में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी पर उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि चीजें सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही हैं. ऐसे लोग होंगे जो इसका विरोध करेंगे. क्योंकि हर कोई प्रतिस्पर्धा करता है, कोई नहीं चाहता कि कोई और आगे बढ़े.