योगी सरकार ने 7 साल में गिराए इतने घर, रिपोर्ट देख 57 मुस्लिम देश परेशान!

Global Bharat 12 Jul 2024 10:03: PM 2 Mins
योगी सरकार ने 7 साल में गिराए इतने घर, रिपोर्ट देख 57 मुस्लिम देश परेशान!

बुलडोजर से नफरत करने वालों के लिए एक ऐसी रिपोर्ट आई है, जिसे दिखाकर विरोधी सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं, फिर से बुलडोजर पर ब्रेक लगाने की मांग कर सकते हैं, पर बाबा का बुलडोजर रुकने वाला नहीं है, ये आंकड़ा प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार द हिंदू की एक मैगजीन फ्रंटलाइन की है, जो अनुज बहल की रिपोर्ट के हवाले से लिखता है.

बुलडोजर राज में बीते दो साल में डेढ़ लाख घर ढहा दिए गए, 7 लाख 38 हजार लोगों को विस्थापित किया गया. 59 फीसदी बेदखली झुग्गियों को हटाने, लैंड क्लीयरेंस, अतिक्रमण हटाने या शहरों को खूबसूरत बनाने के लिए हुई. लखनऊ के अकबरनगर में 19 जून को राज्य सरकार ने 1169 घरों और 101 व्यावसायिक संपत्तियों को ढहा दिया. इनमें कई लोग दशकों से वहां रह रहे थे. अब लोग पूछ रहे हैं कि सौंदर्यीकरण जरूरी है या गरीबों का आशियाना? अभी भी 1 करोड़ 70 लाख लोग इस खौफ में हैं कि पता नहीं घर पर कब बुलडोजर चल जाए. सजा के तौर पर यूपी से एमपी तक बुलडोजर चल रहा है.

ये खौफ ठीक वैसा ही है, जैसे आपने पूरी जिंदगी मेहनत करके पैसा इकट्ठा किया और वो चोरी हो जाए, उस वक्त जो आपके दिल में दर्द होगा, उससे भी ज्यादा दर्द एक परिवार को तब होता है जब उसके घर नोटिस पहुंचता है कि आपका मकान अतिक्रमण की जद् में है, फलाने तारीख तक खाली कर दीजिए वरना बुलडोजर चल जाएगा.

वो जगह-जगह कागज लेकर दौड़ता है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती, वो मीडिया के सामने रोता है, पर कभी ये नहीं सोचता कि उसके किस कारनामे ने उसे बेघर कर दिया, योगी के बुलडोजर ने जितने घरों को गिराया, उसमें गिने-चुने कुछ घर ऐसे होंगे, जो अधिकारियों की गलत रिपोर्ट की वजह से गरीबों की परेशानी का सबब बन गए, वरना अतीक से लेकर मुख्तार जैसा लोगों के घर पर बुलडोजर चला तो फिर हमदर्दी की बात क्यों. जिन गरीबों का घर टूटता है,सरकार उन्हें दूसरा आशियाना देती है, अकबरनगर में हजारों लोगों को दूसरा घर मिला, पर वोटबैंक की सियासत के चक्कर में कुछ नेता योगी और उनके बुलडोजर को बदनाम कनरे पर तुले हैं, जबकि योगी वोटबैंक की चिंता करने की बजाय शहर को साफ कर रहे हैं, क्योंकि योगी के इस विजन के पीछे दो बड़े कारण हैं.

पहला कारण- यूपी में जमीन कब्जाने वाले माफिया इतने बढ़ गए थे कि उन्हें न तो अदालत से डर लगता था, ना ही पुलिस वालों से, हर जगह रिश्वत चलती थी, पर बुलडोजर रिश्वत नहीं लेता, वो सीधा घर गिरा देता है. घुटनों पर ला देता है.

दूसरा- गरीबों को आगे करके अपना शहर बसाने की प्लानिंग कई जगहों पर चली, लखनऊ का अकबरनगर भी कुछ भूमाफियाओं ने बसाया, अगर आज योगी एक्शन नहीं लेते तो शायद आने वाले दिनों में दूसरे सीएम को आधे लखनऊ पर बुलडोजर चलाना पड़ता, क्योंकि कुकरैली नदी को जीवित नहीं किया गया तो पूरे शहर और प्रदेश पर असर पड़ेगा.

चूंकि पहली बार हिंदुस्तान में इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है, इसलिए बुलडोजर के खिलाफ रहने वाली लॉबी आंकड़े जुटाने में जुटी है, बुलडोजर पर ब्रेक लगाने की कोशिश में जुटी है, लेकिन योगी ने साफ कर दिया है अतिक्रमण होगा तो पीला पंजा चलेगा, जो कब्जे की जमीन पर बरसों से रह रहा हो, वो गरीब नहीं हो सकता. 

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