नई दिल्ली: सैम पित्रोदा के बायन ने फिर से विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत को अपनी विदेश नीति में पड़ोसी देशों पर ध्यान देना चाहिए और वह पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में हमेशा "घर जैसा" महसूस करते हैं. ये तीनों देश हाल ही में सत्ता परिवर्तन और अशांति से गुजरे हैं. मीडिया से बात करते हुए इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख पित्रोदा ने कहा कि भले ही पड़ोस में हिंसा और आतंकवाद की समस्याएं हों, भारत को पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ बातचीत करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, "हमें अपनी विदेश नीति में पहले पड़ोस पर ध्यान देना चाहिए. क्या हम अपने पड़ोसियों के साथ रिश्ते सुधार सकते हैं? वे सभी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. हमें लड़ने की जरूरत नहीं है. पड़ोस में हमारा एक समान जीन पूल है."
''पाकिस्तान, बांग्लादेश में घर जैसा''
पित्रोदा ने अपनी यात्राओं को याद करते हुए कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में उन्हें हमेशा घर जैसा लगा. उन्होंने कहा, "मैं पाकिस्तान गया, वहां घर जैसा लगा. बांग्लादेश, नेपाल गया, वहां भी ऐसा ही लगा. मुझे नहीं लगा कि मैं किसी विदेश में हूं. वे मेरे जैसे दिखते हैं, मेरी तरह बात करते हैं, मेरे गाने पसंद करते हैं, मेरा खाना खाते हैं. हमें उनके साथ शांति और सद्भाव से रहना सीखना चाहिए."
नेपाल और बांग्लादेश में युवा आंदोलनों के बाद सत्ता बदली, वहीं पाकिस्तान में 2022 में इमरान खान को अचानक हटाए जाने के बाद हिंसा हुई. पित्रोदा का पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने का बयान ऐसे समय आया है जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे. इसके बाद भारत ने कूटनीतिक रिश्ते कम कर दिए और पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया.
बीजेपी ने की कांग्रेस की आलोचना
पित्रोदा के बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी. बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने ट्वीट किया, "राहुल गांधी के चहेते सैम पित्रोदा कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में घर जैसा लगा. कोई आश्चर्य नहीं कि यूपीए ने 26/11 मुंबई हमले के बाद भी पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया. पाकिस्तान का पसंदीदा, कांग्रेस का चुना हुआ!"
पित्रोदा का विवादों से पुराना नाता
पित्रोदा का विवादों से पुराना नाता है. पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले उनके नस्लवादी बयान ने कांग्रेस को मुश्किल में डाला था. उन्होंने कहा था कि पूर्वी भारत के लोग चीनी जैसे दिखते हैं और दक्षिण के लोग अफ्रीकियों जैसे. इसके अलावा, भारत में विरासत कर (इनहेरिटेंस टैक्स) लागू करने की वकालत करने पर भी उनकी आलोचना हुई. बीजेपी ने उनके बयानों का इस्तेमाल कांग्रेस पर हमला करने के लिए किया. इसके बाद पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन चुनाव के बाद उन्हें फिर से नियुक्त किया गया. पित्रोदा के ताजा बयान ने फिर से विवाद खड़ा कर दिया है. अब देखना होगा कि कांग्रेस कोई कदम उठाएगी या फिर कहेगी "हुआ तो हुआ".