बीजेपी की पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा अब आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े दो मामलों में 'फरार' मानी जा रही हैं। यह निर्णय उसके खिलाफ कई नोटिस और गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद, अदालत की सुनवाई के लिए उपस्थित होने में बार-बार विफल होने के बाद लिया गया है।
कई बार गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी जया प्रदा के पेश नहीं होने पर रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि जया के खिलाफ 2019 चुनाव आचार संहिता का मामला विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट, रामपुर की अदालत में दर्ज किया गया था, जिसमें केमरी पुलिस स्टेशन और स्वार पुलिस स्टेशन शामिल थे।
एमपी/एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट के जज शोभित बंसल ने जया प्रदा के लगातार कोर्ट में गैरहाजिर रहने के कारण उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। इंस्पेक्टर रणजी त्रिवेदी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि आरोपी अधिकारियों से बच रही थी, उनका मोबाइल स्विच ऑफ था।
नतीजतन, जया प्रदा के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 82 लागू करने के लिए अदालत में एक याचिका प्रस्तुत की गई। कोर्ट ने आदेश पर मुहर लगाते हुए अगली सुनवाई की तारीख 6 मार्च तय की है।
अदालत के निर्देश के जवाब में, पुलिस अधीक्षक को पूर्व सांसद को पकड़ने और 6 मार्च की निर्धारित सुनवाई की तारीख पर उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी के साथ एक विशेष टीम गठित करने का निर्देश दिया गया है।