नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 5 मई 2025 को एक रिपोर्ट जारी की. इसमें कहा गया है कि अगर यह तनाव लंबे समय तक बना रहता है, तो भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका ज्यादा असर नहीं होगा, लेकिन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हो सकता है. मूडीज के अनुसार, भारत की आर्थिक स्थिरता मजबूत घरेलू मांग और सीमित व्यापारिक संबंधों के कारण बनी रहेगी. वहीं, पाकिस्तान की आर्थिक प्रगति और वित्तीय सुधारों पर तनाव भारी पड़ सकता है. यह तनाव 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ा, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी.
भारत की अर्थव्यवस्था पर सीमित प्रभाव
मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था को पाकिस्तान के साथ तनाव से कोई बड़ा झटका नहीं लगेगा. भारत का पाकिस्तान के साथ व्यापार और वित्तीय संबंध बहुत कम हैं, जिससे आर्थिक नुकसान की आशंका कम है. हालांकि, लंबे समय तक तनाव रहने पर भारत का रक्षा खर्च बढ़ सकता है, जिससे वित्तीय घाटे को कम करने की प्रक्रिया थोड़ी धीमी हो सकती है. फिर भी, मजबूत सार्वजनिक निवेश और उपभोक्ता मांग के कारण भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर रहेगी.
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5% की दर से बढ़ी है. सरकार ने इस साल वित्तीय घाटे को जीडीपी के 4.4% तक सीमित करने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा, भारत का लक्ष्य है कि वित्त वर्ष 2031 तक कर्ज-जीडीपी अनुपात को 57.1% से घटाकर 50% तक लाया जाए. मूडीज ने भारत को Baa3 रेटिंग दी है, जो स्थिर दृष्टिकोण को दर्शाती है.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर खतरा
दूसरी ओर, मूडीज ने चेतावनी दी है कि भारत के साथ तनाव बढ़ने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है. इससे उसकी आर्थिक प्रगति रुक सकती है और वित्तीय सुधारों की प्रक्रिया पटरी से उतर सकती है. पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, और मूडीज ने उसे Caa2 रेटिंग दी है, जो जोखिम भरी स्थिति को दर्शाती है, हालांकि इसका दृष्टिकोण सकारात्मक है. तनाव बढ़ने से पाकिस्तान का रक्षा खर्च बढ़ सकता है, जिससे उसकी वित्तीय स्थिति और बिगड़ सकती है.
पहलगाम हमले से शुरू हुआ तनाव
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव चरम पर पहुंच गया. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और जवाबी कार्रवाई में 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया. इसके जवाब में पाकिस्तान ने 1972 के शिमला समझौते को निलंबित करने की घोषणा की और भारतीय वाणिज्यिक उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया. दोनों परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच यह तनाव वैश्विक चिंता का विषय बन गया है.
व्यापार संबंधों का कम होना
मूडीज ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार और वित्तीय संबंध बहुत कम हैं, जिसके कारण भारत पर आर्थिक प्रभाव सीमित रहेगा. 2019 के बाद से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग बंद है. भारत ने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया था, और पाकिस्तान ने भी भारत के साथ व्यापार पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. इससे भारत की अर्थव्यवस्था को तनाव से कोई बड़ा नुकसान होने की संभावना नहीं है.