लखनऊ : यूपी की सियासत में सबसे ज्यादा चर्चा परिवार को लेकर होती है. कांग्रेस के राहुल गांधी हो या सपा के अखिलेश यादव हो. सभी के परिवार के बदौलत राजनीति में होने के आरोप लगते हैं ये तो बड़ी पार्टियों की बात हो गई. पूर्वांचल के नेता भी अपने बेटे को राजनीति में लांच करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. इनमें कई नेताओं ने अपने पुत्र को लांच कर दिया है तो वहीं कई नेता अपने पुत्र को लॉन्च करने की कोशिश में है, उनमें सबसे नया नाम मिर्जापुर के विनीत सिंह का है.
मिर्जापुर से एमएलसी विनीत सिंह अपने बेटे आकाश सिंह को लॉन्च करने में जुटे हुए हैं. मझवां उपचुनाव में बेटे ने दावेदारी पेश की थी. हालांकि, कशमकश के बीच में टिकट पूर्व विधायक सूचिस्मिता मौर्य को मिल गया. उसके बाद भी विनीत सिंह बेटे को लॉन्च करने के लिए प्रयासरत है, जहां 2027 में बेटे को विंध्याचल मंडल के किसी भी जिले में विधायक के रूप में देखना चाह रहे हैं. फिलहाल आकाश वाराणसी से मिर्जापुर तक विंध्यवासिनी की यात्रा निकाल रहे हैं, इसमें विनीत सिंह भी शामिल हो चुके हैं.
विरासत को संभाल रहे अब्बास
मऊ के माफिया मुख्तार अंसारी भी अपने बेटे को राजनीति में ला दिए हैं. उनकी विरासत को उनके पुत्र अब्बास अंसारी संभाले हुए हैं. मुख्तार के जाने के बाद भी अब्बास अंसारी का दबदबा मऊ में काफी है. लगातार अब्बास अंसारी सरकार पर हमलावर भी रहते हैं. मुख्तार अंसारी और योगी की अदावत छिपी नहीं थी. मुख्तार के जाने के बाद अब उनकी विरासत को अब्बास अंसारी आगे ले जा रहे हैं.
ओपी राजभर नहीं है पीछे
पूर्वांचल की राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चित ओमप्रकाश राजभर भी अपने पुत्र को पूरी तरीके से मैदान में उतार चुके हैं. उनके पुत्र अरुण और अरविंद राजभर सियासी मैदान में सुभासपा के लिए बैटिंग करते हुए दिखाई दे रहे हैं. ओमप्रकाश राजभर भी अपने दोनों बेटो को फ्यूचर को सेट कर दिया है. आने वाले दिनों में विधायक व सांसद बन सकते हैं.
संजय के बेटे बने सांसद
पूर्वांचल के दूसरे नेता संजय निषाद भी अपने बेटे प्रवीण निषाद को सांसद बन चुके हैं. संजय निषाद के पुत्र 7 साल पहले ही सियासी मैदान में आ गए हैं, जहां उन्होंने बेटे को सांसद बना दिया. हालांकि, इस बार उनके बेटे को हार का सामना करना पड़ा है. संजय निषाद भी चाहते हैं कि आने वाले दिनों में उनका बेटा ही पार्टी की कमान संभाल सकते हैं.