ओडिशा में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल को दोहरा झटका लगा है. बीजद ओडिशा विधानसभा चुनाव हार गई है. जिसके बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्यपाल रघुबर दास से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया है.
राज्य की कुल 147 सीटों में से उसे केवल 51 सीटें ही मिलीं है. जबकि बीजेपी ओडिशा की 147 सीटों में से 78 सीटें जीत कर प्रदेश में सत्ता में आ गई है. उसने पिछले 24 साल से शासन कर रहे बीजद को बेदखल कर सत्ता छीन ली है. मुख्यमंत्री और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक हिंजिली विधानसभा सीट से जीत गए, लकिन कांटाबांजी से चुनाव हार गए हैं.
कांग्रेस ने 14 सीटें जीतीं जबकि माकपा ने एक सीट जीती. निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन सीटें जीतीं. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजद ने 113 सीटें, भाजपा ने 23 सीटें और कांग्रेस ने 9 सीटें जीती थीं. भाजपा-बीजद गठबंधन 2000 में ओडिशा में सत्ता में आया था और नवीन पटनायक मुख्यमंत्री बने थे.
2009 में दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत विफल होने के बाद बीजद ने अपने 11 साल पुराने रिश्ते को तोड़ दिया था. पटनायक ने राज्य में इसके बाद हुए चुनावों में जीत हासिल की. दिलचस्प बात यह है कि दोनों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत इस साल के लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले शुरू हुई थी, लेकिन यह विफल रही.
लेकिन इस बार बीजद सुप्रीमो अपनी पार्टी को जीत नहीं दिला पाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ओडिशा के लोगों को धन्यवाद दिया और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी उनके सपनों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. यहांं यह भी बता दें कि चुनावी सभा के दौरान दोनों ही पार्टियों में तीखी बयानबाजी भी देखने को मिली थी.