नोएडा: छोटे मियां तो छोटे मियां बड़े मियां शुभान-अल्लाह. जी हां, कुछ ऐसी ही कहानी है सादाब आलम और असद की. पहली बार इनके कारनामे जानकर नोएडा पुलिस के पैरों तले भी जमीन खिसक गई थी. रंगा-बिल्ला की तरह ये दोनों भी एक बड़े कांड को अंजाम देने की फिराक में थे, लेकिन सादाब और असद अपने मंसूबे में कामयाब होते, उससे पहले ही पुलिस ने इन्हें धरदबोचा और फिर सामने आया एक भयानक सच.
दरअसल, इन दोनों शातिरों ने अपना एक गैंग बना रखा था. दो लोगों का ये गैंग इतने काले कारनामे कर चुका है कि फाइलें भर जाएं, लेकिन इनके कांड खत्म न हों. दोनों ही अमीरों की तरह सूट-बूट पहनते थे. महंगी गाड़ियों में घूम करते थे. वीआईपीज की तरह एंट्री लेते थे और फिर बड़ी-बड़ी चोरियों को अंजाम दिया करते थे. जी हां, असल में ये लोग चोर हैं. सादाब और असद को फिल्मों का इतना शौक था कि इन्होंने फिल्मी से प्रेरित होकर चोरियां ही शुरू कर दी. दोनों अपने आपको बहुत बड़ा ब्लफ मास्टर समझने लगे.
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जब पुलिस को इस गैंग के बारे में पता चला तो पुलिस ने भी माथा पकड़ लिया. क्योंकि इस गैंग का ये काला धंधा कई सालों से चल रहा था. अब पकड़े गए हैं तो फाइल खंगाली जा रही है. पुराना रिकॉर्ड चैक किए जा रहे हैं. नोएडा से लेकर लखनऊ तक इनके कारनामों के किस्से पाए गए हैं. पुलिस हैरान है कि अब तक ये लोग कानून के शिकंजे से कैसे बचते रहे. हालांकि न्याय की चौखट पर देर पर अंधेर नहीं.
हाल ही में नोएडा-51 के एक बैंक्वेट हॉल में चोरी होती है. चोरी के सामान में एक युवक का आधार कार्ड भी था, जो उसने अपने मोबाइल के कवर में रखा हुआ था. जब थाने में इस चोरी की रिपोर्ट लिखवाई गई तो पुलिस एक्टिव हुई. पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन की और फोन को सर्विलांस पर लगाया. लेकिन सादाब और असद इतने शातिर निकले कि फोन हाथ आते ही सिम कार्ड निकाल कर फेंक देते. फोन भी ऑन नहीं करते लेकिन पुलिस ने भी हार नहीं मानी. सीसीटीवी और फोरेंसिक डिपार्टमेंट की मदद से सादाब को ढ़ूंढ निकाला.
फिर एक दिन पुलिस को चोरों की लोकेशन मिलती है. इन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस केंद्रीय विहार सेक्टर-50 पहुंचती है. जब पुलिस इस चोरों के पास पहुंचती है तो वहां का नजारा देख सब दंग रह जाते हैं. क्योंकि यहां सिर्फ एक फोन नहीं था, बल्कि मोबाइल की पूरी दुकान लगी हुई थी. जब पुलिस ने सख्ती दिखाकर इनकी जुबान खुलवाई तो एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई.
सादाब और असद ने बताया कि वो दोनों 2017 से चोरी कर रहे हैं. इन्होंने कई फिल्मों में देखा था कि चोर सूट-बूट पहने. वीआईपी की तरह कहीं जाए तो लोग शक नहीं करते. अमीर आदमी समझ कर इज्जत देते हैं. इसी तरकीब को दोनों शातिरों ने अपनाया और चोरी करना शुरू कर दिया. चोरों ने बताया कि ये लोग शादी के सीजन में एक्टिव होते थे. अच्छी तरह तैयार होकर शादियों में जाते थे वहां कमरों में घुसते, जो भी महंगा सामान मिलता उसे उठा लाते.
चुपचाप वहां से निकलते, सभी फोन बंद करते गाड़ी में रखते और फिर दूसरी शादी में पहुंच जाते. पुलिस ने बताया कि सादाब ने लॉ से ग्रेजुएशन किया है. वकालत की पढ़ाई करने के बाद इसने उसे अपना रोजगार नहीं बनाया, बल्कि पुलिस से बचने के तरीके ढूंढे. ये दोनों पहले भी चोरी की वजह से जेल जा चुके हैं. नोएडा के अलावा गाज़ियाबाद, मेरठ समेत कई जिलों में दोनों ने चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है.
ये हमेशा बड़ी शादियों को निशाना बनाते थे. चोरी के सामान को बेचते और मोबाइल को सस्ते दाम पर राह चलते लोगों को बेच देते और उन पैसों से ऐश करते थे. गिरफ्तारी के समय भी पुलिस को शातिर चोरों के पास से 20 मोबाइल बरामद हुए हैं. दोनों ने कबूल किया है कि अब तक सैकड़ों चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं.
अब नोएडा पुलिस बाकी जिलों में भी संपर्क कर रही है, जिससे इनका पुराना रिकॉर्ड भी सामने आ सके. चोरों के पास एक एमजी हेक्टर भी बरामद हुई है, जिस पर फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थी. सादाब और असद की जोड़ी को देख कर पुलिस जहां दंग है. वहां जनता को ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है. क्या पता ये लोग किस भेष में कहां चोरी करने के लिए घुस जाएं.