नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की, जिसमें 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए. उन्होंने कहा कि हमलावरों ने लोगों की धर्म पूछकर गोली चलाई, और जोर देकर कहा कि "हिंदू कभी ऐसा नहीं करेंगे." इस हमले को हाल के समय का सबसे घातक हमला बताते हुए भागवत ने कहा कि यह "धर्म और अधर्म" के बीच की लड़ाई का प्रतीक है.
एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए भागवत ने कहा, "लोगों से उनका धर्म पूछकर उन्हें मारा गया. हिंदुओं का ऐसा स्वभाव नहीं है. हमारे संस्कारों में नफरत और दुश्मनी नहीं है. लेकिन चुपचाप नुकसान सहना भी हमारी संस्कृति नहीं है." यह हमला 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरण घाटी में हुआ, जो एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है.
हमले के तीन दिन बाद, भागवत ने कहा कि यह घटना हमें याद दिलाती है कि यह धर्म और अधर्म की लड़ाई है. उन्होंने कहा, "हमारे दिल में दुख है. हम गुस्से में हैं. लेकिन बुराई को खत्म करने के लिए ताकत दिखानी होगी." पौराणिक कथाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "रावण ने अपनी सोच नहीं बदली. कोई और रास्ता नहीं बचा था. राम ने उसे मार दिया, लेकिन पहले उसे सुधरने का मौका दिया था."
भागवत ने मजबूत और स्पष्ट जवाब की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "हमें मजबूत जवाब की उम्मीद है. सच्चा अहिंसक व्यक्ति भी ताकतवर होना चाहिए. अगर ताकत नहीं है, तो कोई विकल्प नहीं बचता. लेकिन जब ताकत है, तो जरूरत पड़ने पर उसे दिखाना चाहिए." उन्होंने सामाजिक एकता को भी हमलों के खिलाफ सुरक्षा कवच बताया. भागवत ने कहा, "अगर हम एकजुट हैं, तो कोई हमारी ओर बुरी नजर से नहीं देखेगा. और अगर कोई ऐसा करेगा, तो उसकी आंख फोड़ दी जाएगी."
बैसरण घाटी में हुए हमले की तस्वीरों में अफरा-तफरी और डर का माहौल दिखा. बचे हुए लोगों ने बताया कि हमलावरों ने सैन्य वर्दी में आकर उनकी पहचान पत्र देखे और धर्म पूछकर गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया. इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है. भागवत के बयान ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और मजबूत जवाब देने का संदेश दिया है. उन्होंने समाज से एकता बनाए रखने और बुराई के खिलाफ खड़े होने की अपील की. भारत ने इस हमले के बाद आतंकियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है, और सरकार ने भी आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है.