प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में हुए भूस्खलन के बाद चल रहे राहत और पुनर्वास प्रयासों का आकलन करने के लिए शनिवार को वायनाड का दौरा करेंगे. प्रधानमंत्री लगभग 11 बजे कन्नौर पहुंचेंगे, जहां से वे वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. लगभग 12:15 बजे, प्रधानमंत्री आपदा से प्रभावित जमीनी स्थानों का दौरा करेंगे, जहां वे वर्तमान में चल रहे निकासी अभियानों के बारे में बचाव दलों से जानकारी प्राप्त करेंगे. प्रभावित लोगों के लिए प्रभावी सहायता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से क्षेत्र में पुनर्वास प्रयासों की देखरेख करने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री राहत शिविर और अस्पताल का भी दौरा करेंगे, जहां वे भूस्खलन के पीड़ितों और बचे लोगों से मिलेंगे और बातचीत करेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जहां उन्हें घटना और चल रहे राहत प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी. 30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में भारी भूस्खलन हुआ, जिससे व्यापक तबाही मची.
तिरुवनंतपुरम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि राज्य ने केंद्र सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा और गंभीर आपदा घोषित करने का अनुरोध किया है. केरल सीएमओ की एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, केरल राज्य सरकार वायनाड जिले के मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में भूस्खलन से प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करेगी, जिससे उन्हें दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने में मदद मिलेगी. मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में प्रभावित सभी लोगों को यह सहायता मिलेगी.
अपनी आजीविका खो चुके परिवारों के एक वयस्क सदस्य को 300 रुपये का दैनिक भत्ता मिलेगा. यह लाभ प्रति परिवार अधिकतम दो व्यक्तियों को मिलेगा. बिस्तर पर पड़े या लंबे समय से अस्पताल में भर्ती मरीजों वाले परिवारों के लिए, भत्ता तीन व्यक्तियों तक बढ़ाया जाएगा. यह सहायता 30 दिनों की अवधि के लिए प्रदान की जाएगी. फिलहाल राहत शिविरों में रह रहे प्रत्येक परिवार को 10,000 रुपये की तत्काल वित्तीय सहायता मिलेगी.