भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया पोलैंड यात्रा ने भारत और पोलैंड के व्यापारिक संबंधों को एक नई दिशा दी है. इस यात्रा के बाद उत्तर प्रदेश के निर्यातकों यानी एक्सपोर्टर्स और व्यापारिक जगत में एक नई उम्मीद जगी है. पोलैंड लंबे समय से भारत का प्रमुख व्यापारिक पार्टनर रहा है, जिसके साथ हर साल करीब 48 हजार करोड़ रुपये का इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट होता है.
भारत से पोलैंड को अलग अलग प्रकार के सामान भेजे जाते हैं, जिनमें प्रमुख रूप से कपड़ा, कृषि उत्पाद, औद्योगिक सामान और आईटी सेवाएं शामिल हैं. वहीं, पोलैंड से भारत में भी कई उत्पादों का आयात किया जाता है, जिनमें मशीनरी, रसायन, और चिकित्सा से जुड़े उपकरण प्रमुख रूप से शामिल है.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के असिस्टेंट director आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि भारत और पोलैंड के बीच लंबे समय से गहरे संबंध रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा ने 45 सालों बाद इन संबंधों को और मजबूती मिली है. इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में भी मजबूती आएगी. भारत वर्तमान में पोलैंड को करीब 33 हजार करोड़ रुपये का निर्यात करता है, जबकि 2023-2024 में पोलैंड से 14,770 करोड़ रुपये के सामान का आयात होने का अनुमान है.
पोलैंड को अब अन्य यूरोपीय देशों के लिए एक एंट्री पॉइंट के रूप में देखा जा रहा है. ऐसी स्थिति में यह संभावना भी व्यक्त की जा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी की पोलैंड की इस यात्रा से भारतीय निर्यातकों, खासकर कानपुर और उत्तर प्रदेश के व्यापारियों के लिए नए व्यापारिक अवसर पैदा होंगे. कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और पोलैंड के व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के साथ-साथ यूरोप में भारतीय उत्पादों की पहुंच को और व्यापक बनाने में सहायक साबित होगी.